नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप बुधवार को एमएसएमई क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये तक का कर्ज समाहित करने वाली एक नई ऋण गारंटी योजना शुरू की।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए शुरू म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना (एमसीजीएस-एमएसएमई) का उद्देश्य उपकरणों की खरीद के लिए पात्र उद्यमों को स्वीकृत 100 करोड़ रुपये तक की ऋण-सुविधा देने के लिए ‘सदस्य उधारी संस्थानों’ (एमएलआई) को राष्ट्रीय क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (एनसीजीटीसी) से 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज देना है।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए एमएसएमई को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। उधारकर्ता को वैध उद्यम पंजीकरण संख्या वाला एमएसएमई होना चाहिए, गारंटीकृत ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए और उपकरणों की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए।
मंत्रालय ने कहा कि इस योजना में स्वीकृति वर्ष के दौरान ऋण पर वार्षिक गारंटी शुल्क शून्य होगा। यह शुल्क अगले तीन वर्षों के लिए पिछले वर्ष के बकाया ऋण का 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष होगा। उसके बाद वार्षिक गारंटी शुल्क पिछले वर्ष के 31 मार्च को बकाया कुल ऋण का एक प्रतिशत सालाना होगा।
यह योजना एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत योजना के परिचालन दिशानिर्देश जारी होने की तारीख से चार साल की अवधि के दौरान या सात लाख करोड़ रुपये की संचयी गारंटी जारी होने तक, जो भी पहले हो, स्वीकृत सभी ऋणों पर लागू होगी।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)