नयी दिल्ली, 19 मार्च (भाषा) सरकार ने बुधवार को दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से दो योजनाओं के लिए परिव्यय बढ़ाकर 6,190 करोड़ रुपये कर दिया।
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी है।
दूध उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दोनों योजनाओं में अब कुल परिव्यय 6,190 करोड़ रुपये होगा।
मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पशुधन क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए संशोधित आरजीएम को मंजूरी दे दी है।
विकास कार्यक्रम योजना के केंद्रीय क्षेत्र के हिस्से के रूप में संशोधित आरजीएम का कार्यान्वयन 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ किया जा रहा है, जिससे वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग चक्र के दौरान कुल राशि 3,400 करोड़ रुपये हो जाएगी।
संशोधित एनपीडीडी, जो एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, को 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन के साथ बढ़ाया गया है, जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2025-26) की अवधि के लिए कुल बजट 2,790 करोड़ रुपये हो गया है।
यह पहल डेयरी बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण और विस्तार पर केंद्रित है, जिससे इस क्षेत्र की निरंतर वृद्धि और उत्पादकता सुनिश्चित होती है।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के कार्यान्वयन और सरकार के अन्य प्रयासों से पिछले 10 साल में दूध उत्पादन में 63.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता जो वर्ष 2013-14 में 307 ग्राम प्रतिदिन थी, वह 2023-24 में बढ़कर 471 ग्राम प्रतिदिन हो गई है। पिछले दस साल में उत्पादकता में भी 26.34 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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