सरकार ने कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक के आयात पर छह महीने के लिए ‘अंकुश’ लगाया |

सरकार ने कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक के आयात पर छह महीने के लिए ‘अंकुश’ लगाया

सरकार ने कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक के आयात पर छह महीने के लिए ‘अंकुश’ लगाया

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Modified Date: December 26, 2024 / 09:05 PM IST
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Published Date: December 26, 2024 9:05 pm IST

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) सरकार ने कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक के आयात पर एक जनवरी से 30 जून, 2025 तक छह महीने के लिए ‘अंकुश’ लगा दिया है। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।

इसके अलावा सरकार ने ऑस्ट्रेलिया, चीन, कोलंबिया, इंडोनेशिया, जापान, पोलैंड, कतर, रूस, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन सहित कुछ देशों से आयात पर मात्रा संबंधी अंकुश (क्यूआर) लगाए हैं।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा, “इस साल अप्रैल में व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) की सिफारिशों के आधार पर, …. कम राख वाले मेटलर्जिकल कोक के आयात पर देश-वार क्यूआर के अनुसार छह महीने की अवधि के लिए अंकुश लगाया गया है। यह एक जनवरी, 2025 से 30 जून, 2025 तक प्रभावी रहेगा।”

इसमें कहा गया है कि आयात की अनुमति केवल छह महीने के दौरान डीजीएफटी द्वारा निर्दिष्ट देश के लिए जारी आयात मंजूरी के आधार पर दी जाएगी।

हालांकि, उच्च राख सामग्री (18 प्रतिशत से अधिक) वाला कोक इस अंकुश के दायरे से बाहर है।

देशवार अंकुश ऑस्ट्रेलिया के लिए 51,276 टन, चीन के लिए 78,646 टन, कोलंबिया के लिए 2,49,771 टन, इंडोनेशिया के लिए 66,364 टन, जापान के लिए 2,09,980 टन, पोलैंड के लिए 5,06,336 टन, कतर के लिए 1,620 टन, रूस के लिए 89,182 टन, सिंगापुर के लिए 46,478 टन, स्विट्जरलैंड के लिए 81,774 टन, ब्रिटेन के लिए 76 टन और अन्य के लिए 45,662 टन) हैं।

अगले साल दो तिमाहियों – जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून के दौरान आयात के लिए निर्दिष्ट क्यूआर लगाए गए हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘यदि आवश्यक हो, तो डीजीएफटी से आयात मंजूरी प्राप्त करने के संबंध में प्रक्रिया को अलग से अधिसूचित किया जाएगा।’’

अधिसूचना के अनुसार, आयात की मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवेदन डीजीएफटी की वेबसाइट पर किया जा सकता है।

ये आयात कुछ शर्तों के अधीन हैं। आयात को केवल ईडीआई (इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज) बंदरगाहों के माध्यम से अनुमति दी जाएगी ताकि आवंटित कोटा की इलेक्ट्रॉनिक/वास्तविक समय पर निगरानी की सुविधा मिल सके।

क्यूआर की निगरानी तिमाही आधार पर की जाएगी ताकि कुल आयात निर्दिष्ट मात्रा से अधिक न हो।

भाषा राजेश राजेश अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)