राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाया |

राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाया

राज्यों के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने गेहूं का एमएसपी 150 रुपये बढ़ाया

:   Modified Date:  October 16, 2024 / 08:14 PM IST, Published Date : October 16, 2024/8:14 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने बुधवार को 2025-26 के विपणन सत्र के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को 150 रुपये बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया। यह कदम प्रमुख राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले उठाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाले विपणन सत्र 2025-26 के लिए छह रबी फसलों के एमएसपी में 130 रुपये से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की वृद्धि की मंजूरी दी गई।

सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘खरीफ फसलों की तरह, रबी फसलों के लिए एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।’’

उन्होंने कहा कि गेहूं का नया एमएसपी उत्पादन लागत से 105 प्रतिशत अधिक है, जो एक ‘बड़ी बात’ है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंत्रिमंडल के इस फैसले पर कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए लगातार बड़े फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी से किसानों का जीवन आसान होगा।

सरकार ने रैपसीड और सरसों बीज के लिए भी एमएसपी को 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया, जिसका उद्देश्य घरेलू तिलहन उत्पादन को बढ़ावा देना और खाद्य तेल आयात को कम करना है।

कुसुम का समर्थन मूल्य 2025-26 के लिए 140 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जो पिछले सत्र में 5,800 रुपये प्रति क्विंटल था।

दलहन के मामले में, मसूर का समर्थन मूल्य 275 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जबकि चने का एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 2025-26 के लिए 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया।

जौ का समर्थन मूल्य वर्ष 2025-26 के लिए 130 रुपये बढ़ाकर 1,980 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया, जो पिछले सत्र में 1,850 रुपये प्रति क्विंटल था।

यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली जैसे राज्य चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।

हालांकि, वैष्णव ने एमएसपी बढ़ोतरी और आगामी चुनावों के बीच किसी भी तरह के संबंध की बात को खारिज करते हुए कहा कि इस तरह की घोषणाएं आमतौर पर इसी समय होती हैं।

मंत्री ने कहा कि किसानों में सरकार के प्रति ‘अच्छी भावना’ है। उन्होंने किसानों के जीवन में आए परिवर्तनकारी बदलावों का हवाला दिया।

एमएसपी में की गई बढ़ोतरी वर्ष 2018-19 के केंद्रीय बजट की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जिसमें अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत का कम से कम 1.5 गुना समर्थन मूल्य निर्धारित करने की बात कही गई थी।

सरकार को उम्मीद है कि इस बढ़ोतरी से किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)