नयी दिल्ली, 20 दिसंबर (भाषा) सरकार ने शुक्रवार को 855 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय के साथ 2025 सत्र के लिए खोपरा (नारियल गरी) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 422 रुपये तक की वृद्धि कर इसे 12,100 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में खोपरा का एमएसपी बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाताओं को बताया कि वर्ष 2025 के लिए ‘मिलिंग खोपरा’ का एमएसपी 422 रुपये बढ़ाकर 11,582 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ‘बॉल खोपरा’ का एमएसपी 100 रुपये बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर तय किया गया समर्थन मूल्य मिलिंग और बॉल खोपरा किस्मों की उचित और औसत गुणवत्ता के लिए है।
वैष्णव ने कहा कि एमएसपी उत्पादन लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय किया गया है। इससे कुल वित्तीय बोझ 855 करोड़ रुपये का आयेगा।
मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत खोपरा और छिलका रहित नारियल की खरीद के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) केंद्रीय नोडल एजेंसियां होंगी।
देश के कुल उत्पादन में 32.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक में खोपरा का उत्पादन सबसे अधिक है, इसके बाद तमिलनाडु 25.7 प्रतिशत, केरल 25.4 प्रतिशत और आंध्र प्रदेश 7.7 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘ऊंचा एमएसपी न केवल नारियल उत्पादकों को बेहतर पारिश्रमिक सुनिश्चित करेगा बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए किसानों को खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’’
भारत में खोपरा का मौसम आमतौर पर जनवरी के आसपास शुरू होता है और अप्रैल तक चलता है।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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