सरकार की रोजगार को बढ़ावा देने को ईपीएफओ के जरिये तीन योजनाओं की घोषणा |

सरकार की रोजगार को बढ़ावा देने को ईपीएफओ के जरिये तीन योजनाओं की घोषणा

सरकार की रोजगार को बढ़ावा देने को ईपीएफओ के जरिये तीन योजनाओं की घोषणा

:   Modified Date:  July 23, 2024 / 06:48 PM IST, Published Date : July 23, 2024/6:48 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) सरकार ने मंगलवार को संगठित क्षेत्र में प्रवेश करने वाले नये कामगारों के लिए ईपीएफओ के जरिए तीन योजनाओं की घोषणा की।

रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से लाई गईं इन योजनाओं के लिए कुल केंद्रीय परिव्यय 1.07 लाख करोड़ रुपये है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारण ने लोकसभा में अपने बजट भाषण में कहा, ‘‘हमारी सरकार प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन के लिए तीन योजनाएं लागू करेगी।’’

उन्होंने कहा कि ये योजनाएं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में नामांकन पर आधारित होंगी और पहली बार इससे जुड़ने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन देंगी। इनसे कर्मचारियों और नियोक्ताओं को समर्थन मिलेगा।

उन्होंने सदन को बताया कि सभी संगठित क्षेत्रों में पहली बार ईपीएफओ की योजनाओं से जुड़ने वालों को योजना-क के तहत एक महीने का वेतन सरकार देगी।

ईपीएफओ में पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में एक महीने का वेतन दिया जाएगा, जो अधिकतम 15,000 रुपये तक होगा।

इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह वेतन होगी। इस योजना से 210 लाख युवाओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए लाई गई योजना-ख पहली बार ईपीएफओ से जुड़ने वाले कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि रोजगार के पहले चार वर्षों में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को उनके ईपीएफओ अंशदान के संबंध में प्रोत्साहन दिया जाएगा।

इस योजना से रोजगार में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं और उनके नियोक्ताओं को लाभ मिलने की उम्मीद है।

इसी तरह नियोक्ताओं की सहायता कर सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार को बढ़ावा देने के लिए योजना-ग लाई गई है। इस योजना के तहत सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के ईपीएफओ अंशदान के लिए नियोक्ताओं को दो साल तक 3,000 रुपये प्रति माह तक की प्रतिपूर्ति करेगी।

उन्होंने कहा कि इस योजना से 50 लाख लोगों को अतिरिक्त रोजगार मिलने की उम्मीद है। तीनों योजनाओं के लिए कुल केंद्रीय परिव्यय 1.07 लाख करोड़ रुपये (योजना-क के लिए 23,000 करोड़ रुपये, योजना-ख के लिए 52,000 करोड़ रुपये और योजना-ग के लिए 32,000 करोड़ रुपये) होगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

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