सरकार ने प्याज, बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा हटाई |

सरकार ने प्याज, बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा हटाई

सरकार ने प्याज, बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा हटाई

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 10:19 PM IST, Published Date : September 13, 2024/10:19 pm IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) सरकार ने देश से निर्यात को प्रोत्साहन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से शुक्रवार को प्याज और बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) पर लगी सीमाओं को हटा दिया।

सरकार ने यह फैसला कृषि गतिविधियों के लिहाज से बेहद अहम राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनावों के करीब आने पर किया है।

हरियाणा बासमती चावल के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शामिल है जबकि महाराष्ट्र देश का अग्रणी प्याज उत्पादक राज्य है।

प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य 550 डॉलर प्रति टन तय किया गया था। लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर इसे तत्काल प्रभाव से हटा दिया।

इसी तरह वाणिज्य विभाग ने बासमती चावल के निर्यात के लिए पंजीकरण-सह-आवंटन प्रमाण पत्र (आरसीएसी) जारी करने के लिए 950 डॉलर टन के मौजूदा न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) को हटाने का निर्णय लिया है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस कदम से निर्यात प्रोत्साहन और किसानों की आमदनी में मदद मिलेगी।

एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरध) से इस निर्णय को लागू करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया गया है। इस दौरान एपीडा बासमती निर्यात के लिए किसी भी अवास्वतिक मूल्य पर होने वाले निर्यात अनुबंध पर करीब से नजर रखेगा।

सरकार ने पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम कीमत को 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया था। अधिक कीमतों के कारण निर्यात प्रभावित होने की चिंताओं के चलते ऐसा किया गया था।

सरकार ने 27 अगस्त, 2023 को प्रीमियम बासमती चावल की आड़ में सफेद गैर-बासमती चावल के अवैध निर्यात पर लगाम लगाने के लिए 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से कम कीमत पर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति नहीं देने का फैसला किया था।

भारत का बासमती चावल का कुल निर्यात 2022-23 में कीमत के लिहाज से 4.8 अरब डॉलर रहा, जबकि मात्रा के लिहाज से यह 45.6 लाख टन था।

इस बीच, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने प्याज निर्यात की न्यूनतम मूल्य सीमा हटाने वाली अधिसूचना में कहा, ‘‘प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है।’’

इस प्रमुख रसोई के खाद्य सामग्री की उच्च खुदरा कीमतों के बावजूद प्याज पर एमईपी को हटाने का निर्णय लिया गया है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को प्याज का अखिल भारतीय औसत मूल्य 50.83 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि मॉडल मूल्य 50 रुपये प्रति किलोग्राम है। प्याज का अधिकतम मूल्य 83 रुपये प्रति किलोग्राम है और न्यूनतम मूल्य 28 रुपये प्रति किलोग्राम है।

केंद्र ने पांच सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और मुंबई के उपभोक्ताओं को प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत देने के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री का पहला चरण शुरू किया।

राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने अपने स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा बिक्री शुरू कर दी है। ये सरकार की ओर से 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए हुए हैं,

पिछले सप्ताह, उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का परिदृश्य, सकारात्मक बना हुआ है। इसका कारण खरीफ (गर्मी) की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक 2.9 लाख हेक्टेयर तक बढ़ गया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 1.94 लाख हेक्टेयर था।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा, लगभग 38 लाख टन प्याज का भंडार अभी भी किसानों और व्यापारियों के पास होने की रिपोर्ट है।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)