शहरी गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली घरेलू गैस में सरकार ने कटौती की |

शहरी गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली घरेलू गैस में सरकार ने कटौती की

शहरी गैस वितरण कंपनियों को मिलने वाली घरेलू गैस में सरकार ने कटौती की

:   Modified Date:  October 17, 2024 / 08:29 PM IST, Published Date : October 17, 2024/8:29 pm IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) सरकार ने वाहनों को सीएनजी की बिक्री करने वाली शहरी गैस वितरण कंपनियों को सस्ती गैस की आपूर्ति में पांचवें हिस्से तक की कटौती कर दी है। इससे महंगे आयातित ईंधन पर उनकी निर्भरता बढ़ जाएगी।

सस्ती गैस में आई कमी की भरपाई के लिए कंपनियों को महंगी आयातित गैस खरीदनी होगी जिससे उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली सीएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं। हालांकि, सीएनजी कीमतों में बढ़ोतरी को महाराष्ट्र एवं झारखंड में होने जा रहे विधानसभा चुनावों तक टाला जा सकता है।

इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) और महानगर गैस लिमिटेड ने शेयर बाजारों को सूचित किया है कि घरेलू स्तर पर उत्पादित गैस की आपूर्ति, जो आयातित कीमत की आधी कीमत पर उपलब्ध थी, में कटौती कर दी गई है।

आईजीएल ने एक नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘कंपनी को सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य (6.5 डॉलर प्रति एमबीटीयू) पर सीएनजी बिक्री मात्रा की जरूरत पूरी करने के लिए घरेलू गैस मिलती है। लेकिन नोडल एजेंसी गेल (इंडिया) लिमिटेड से मिली सूचना के मुताबिक 16 अक्टूबर से कंपनी को घरेलू गैस आवंटन में बड़ी कमी आई है।’’

आईजीएल ने कहा कि उसका संशोधित घरेलू गैस आवंटन पिछले आवंटन से लगभग 21 प्रतिशत कम है जिसका असर उसकी लाभप्रदता पर पड़ेगा। इस प्रभाव को कम करने के लिए आईजीएल प्रमुख हितधारकों के साथ चर्चा कर रही है।

महानगर गैस लिमिटेड (एमजीएल) ने कहा कि सीएनजी के लिए उसका आवंटन पिछले औसत तिमाही आवंटन की तुलना में 20 प्रतिशत कम कर दिया गया है। इस कमी को पूरा करने के लिए कंपनी नए विकल्पों की तलाश कर रही है।

रेटिंग एजेंसी इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गिरीश कदम ने कहा कि शहरी गैस वितरण के लिए नियंत्रित मूल्य पर होने वाले गैस आवंटन में 20 प्रतिशत की कमी की गई है। इसकी भरपाई अधिक महंगी आयातित एलएनजी से की जाएगी जिससे इस क्षेत्र के लिए समग्र गैस लागत में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि मौजूदा स्तरों पर अंशदान मार्जिन को बनाए रखने के लिए सीएनजी की कीमतों में पांच रुपये से लेकर 5.5 रुपये प्रति किलोग्राम तक की वृद्धि करनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा होने पर सीएनजी वाहन पंजीकरण में वृद्धि धीमी हो सकती है, जो इस क्षेत्र के लिए सीएनजी बिक्री की मात्रा का मुख्य चालक रहा है।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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