नयी दिल्ली, सात नवंबर (भाषा) सरकारी समर्थन और घरेलू कंपनियों के प्रतिस्पर्धी उत्पादों के कारण देश का माल और सेवा निर्यात चालू वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा। उद्योग जगत से जुड़े एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अपैरल मेड-अप्स और होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि सरकार ने कारोबार सुगमता और अनुपालन बोझ को कम करने सहित उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
शक्तिवेल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष में हमारा कुल निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।”
उन्होंने कहा कि देश में 12 नए औद्योगिक शहर खोलने की घोषणा से घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा मिलेगा।
शक्तिवेल ने कहा, “उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पहले से ही विनिर्माण के मोर्चे पर एक सफलता की कहानी है।”
उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद भारतीय निर्यातकों को विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं से अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल लाल सागर संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ढुलाई सहित सभी संबंधित हितधारकों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रहे हैं।
पिछले वित्त वर्ष में निर्यात 778 अरब डॉलर रहा था।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात एक प्रतिशत बढ़कर 213.22 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 6.16 प्रतिशत बढ़कर 350.66 अरब डॉलर हो गया। वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान व्यापार घाटा 137.44 अरब डॉलर रहा।
मंत्रिमंडल ने बिहार, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 12 औद्योगिक टाउनशिप को मंजूरी दी है। इसके अलावा चार टाउनशिप पहले ही विकसित हो चुकी हैं और चार अन्य औद्योगिक शहरों पर काम चल रहा है।
भाषा अनुराग अजय
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