गोवा में मंत्री समूह की बैठक: दीर्घावधि भूमि पट्टे के लिए जीएसटी में कोई और छूट नहीं |

गोवा में मंत्री समूह की बैठक: दीर्घावधि भूमि पट्टे के लिए जीएसटी में कोई और छूट नहीं

गोवा में मंत्री समूह की बैठक: दीर्घावधि भूमि पट्टे के लिए जीएसटी में कोई और छूट नहीं

:   Modified Date:  September 25, 2024 / 11:20 AM IST, Published Date : September 25, 2024/11:20 am IST

पणजी, 25 सितंबर (भाषा) गोवा में रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मंत्रिसमूह की चौथी बैठक में निर्णय लिया गया कि निजी इकाई द्वारा भूमि के दीर्घकालिक पट्टे पर जीएसटी में कोई और छूट नहीं दी जानी चाहिए और पर्यटन उद्देश्यों जैसे क्षेत्र विशेष को छूट मिलनी चाहिए।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मंगलवार को मंत्रिसमूह (जीओएम) की इस बैठक की मेजबानी की।

बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे, गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई मोहनलाल देसाई, केरल के वित्त मंत्री के एन. बालगोपाल, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, केंद्र सरकार के जीएसटी अधिकारी शामिल हुए।

बैठक के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस अवसर पर रियल एस्टेट क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

इसमें कहा गया, ‘‘ निजी इकाई द्वारा भूमि के दीर्घकालिक पट्टे पर जीएसटी (माल एवं सेवा कर) छूट देने तथा पर्यटन उद्देश्यों जैसे क्षेत्र विशेष को छूट देने से संबंधित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।’’

विज्ञप्ति के मुताबिक, मंत्री समूह ने सर्वसम्मति से सहमति जताते हुए सिफारिश की कि अब किसी और छूट की जरूरत नहीं है। इस पर लागू दरों पर जीएसटी लगाया जाता रहेगा।

नई परियोजना या पुनर्विकास परियोजनाओं में सहकारी आवास समितियों द्वारा अपने सदस्यों को निर्माण सेवाओं की आपूर्ति की कर-देयता से संबंधित कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।

इसमें कहा गया, ‘‘ चर्चा के दौरान विभिन्न विचार सामने आए और यह निर्णय लिया गया कि राज्यों से प्रासंगिक आंकड़े प्राप्त करने के बाद इन मुद्दों पर आगे विचार-विमर्श किया जाएगा।’’

यह भी निर्णय लिया गया कि अधिकारियों की समिति राज्यों से प्रासंगिक जानकारी/आंकड़े हासिल करने के बाद अगली मंत्री समूह बैठक में अंतिम निर्णय लेने से पहले इन सभी मुद्दों पर गौर करेगी।

महानगरीय क्षेत्र के लिए किफायती आवासीय अपार्टमेंट की परिभाषा के लिए 45 लाख रुपये की मूल्य सीमा की समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली राज्यों का रुख जानने की जरूरत है।

विज्ञप्ति के अनुसार, अपार्टमेंट की बिक्री के मामले में निर्माण सेवाओं के मूल्य का पता लगाने के लिए भूमि के मूल्य का निर्धारण करने से संबंधित मुद्दे को अधिक जानकारी हासिल करने तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

मंत्री समूह की अगली बैठक 25 अक्टूबर को होने की संभावना है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा

 

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