जीओएम ने क्षतिपूर्ति उपकर को जीएसटी में मिलाने पर चर्चा की |

जीओएम ने क्षतिपूर्ति उपकर को जीएसटी में मिलाने पर चर्चा की

जीओएम ने क्षतिपूर्ति उपकर को जीएसटी में मिलाने पर चर्चा की

:   Modified Date:  October 16, 2024 / 05:26 PM IST, Published Date : October 16, 2024/5:26 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी की अगुवाई में जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) ने बुधवार को जीएसटी में क्षतिपूर्ति उपकर को शामिल किए जाने पर चर्चा की।

इस बैठक में राज्यों ने सुझाव दिया कि क्षतिपूर्ति उपकर को जीएसटी में शामिल किए जाने का फैसला होने के बाद बदलाव की अवधि में विलासिता वाले उत्पादों और नुकसानदेह वस्तुओं की सूची में कोई नया सामान नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

राज्यों ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर की समयसीमा मार्च, 2026 में खत्म हो रही है लिहाज इसे पुनर्गठित करने का एकमात्र तरीका यह है कि करों के साथ इस शुल्क को मिला दिया जाए और जिन वस्तुओं पर फिलहाल यह उपकर लगाया जाता है उनके लिए अलग कर दरें लाई जाएं।

जीओएम के प्रमुख चौधरी ने कहा, ‘‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का समय खत्म हो रहा है। उपकर का भविष्य क्या होगा, इसपर चर्चा करने की जरूरत है। हर राज्य ने अपने विचार दिए हैं। यह इस समूह की पहली बैठक थी।’’

चौधरी ने कहा कि चर्चा इसपर हो रही है कि इसे उपकर के रूप में जारी रखा जाना चाहिए या कर में बदल दिया जाना चाहिए। इसके अलावा विलासिता वाले उत्पादों और नुकसानदेह वस्तुओं में बदलाव की संभावना पर भी चर्चा चल रही है।

क्षतिपूर्ति उपकर संबंधी मंत्री समूह की अगली बैठक नवंबर के दूसरे सप्ताह में होगी।

सूत्रों ने कहा कि सभी राज्यों ने जीएसटी के तहत करों को मिलाने का सुझाव दिया है, क्योंकि क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त हो रहा है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘लेकिन कोई नया सामान इसमें नहीं जोड़ा जाएगा। क्षतिपूर्ति की अवधि समाप्त हो चुकी है और अगर इसे जीएसटी के तहत लाना है तो इसे पुनर्गठित करना होगा और कर के रूप में लाना होगा।’’

असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्यों वाला मंत्री समूह (जीओएम) 31 दिसंबर तक जीएसटी परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।

जीएसटी व्यवस्था के तहत विलासिता वाले और नुकसानदेह या अहितकर उत्पादों पर 28 प्रतिशत कर के अलावा विभिन्न दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है। उपकर से हासिल राशि का इस्तेमाल जीएसटी की शुरुआत के बाद राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए किया गया था।

शुरुआत में क्षतिपूर्ति उपकर का प्रावधान जीएसटी की शुरुआत के पांच साल यानी जून, 2022 तक के लिए किया गया था। लेकिन कोविड काल में राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए इसे मार्च, 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया गया।

उपकर समाप्त होने में सिर्फ डेढ़ साल का समय बाकी रह जाने पर जीएसटी परिषद ने नौ सितंबर को अपनी 54वीं बैठक में उपकर के भविष्य को तय करने के लिए एक जीओएम स्थापित करने का फैसला किया था।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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