नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 200 रुपये टूटकर 79,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
पिछले सत्र में 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 79,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी।
तीन दिन की गिरावट के बाद बुधवार को चांदी 500 रुपये बढ़कर 92,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। मंगलवार को यह 91,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
पिछले तीन सत्रों में चांदी 5,500 रुपये प्रति किलोग्राम टूट चुकी है।
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत मंगलवार के 78,900 रुपये प्रति 10 ग्राम के पिछले बंद भाव से 200 रुपये की गिरावट के साथ 78,700 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोना रक्षात्मक रुख अपनाए हुए है, क्योंकि बाजार अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) की बैठक के नतीजों का इंतजार कर रहा है, जो सर्राफा कीमतों के लिए आगे दिशा दिखा सकता है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और जिंस और मुद्रा के शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, ‘‘आज रात फेडरल रिजर्व की नीति घोषणा का इंतजार कर रहे बाजार प्रतिभागियों के कारण सोना एक सीमा के भीतर कारोबार कर रहा है।’’
त्रिवेदी ने कहा कि एमसीएक्स में सोना 76,950 रुपये के करीब कारोबार कर रहा है। नीति वक्तव्य से सोने की कीमतों में अगले चरण की चाल तय होने की उम्मीद है।
एशियाई कारोबारी सत्र में कॉमेक्स सोना वायदा 0.08 प्रतिशत बढ़कर 2,664.10 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा कि अमेरिकी डॉलर की मजबूती और उम्मीद से बेहतर अमेरिकी खुदरा बिक्री आंकड़ों के कारण बुधवार को सोने की कीमतों में गिरावट आई।
गांधी ने कहा कि मजबूत उपभोक्ता खर्च, साथ ही अमेरिकी आर्थिक जुझारूपन और हाल के महीनों में मुद्रास्फीति के मजबूत आंकड़ों का मतलब है कि फेडरल रिजर्व जनवरी की बैठक में अपने ब्याज दर-कटौती चक्र को रोक सकता है, जो कीमती धातुओं के लिए नकारात्मक है।
इस बीच, वैश्विक बाजारों में चांदी 30.92 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रही।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के जिंस शोध के विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर में मजबूती, बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी, मिले-जुले अमेरिकी आर्थिक आंकड़े और युद्धविराम संबंधी ताजा सूचना के दबाव में सोना और चांदी फिसल गए।’’
मोदी ने कहा कि व्यापारी अमेरिकी आवास, जीडीपी और मुद्रास्फीति जैसे व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो सोने और चांदी की कीमतों के घट-बढ़ के बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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