नई दिल्ली: लॉकडाउन खुलने के बाद देश में सोने की कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखने को मिली थी। सोने के भाव 50 हजार रुपए से अधिक हो गए थे। लेकिन बीते एक सप्ताह से सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिला है। वहीं, बात एक्सपर्ट्स की मानें तो दिवाली तक सोने की कीमतें 60 हजार के आंकड़े को छू सकती है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि एक दौर ऐसा भी था, जब एक तोला सोने के दाम 100 रुपए से भी कम थे।
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दरअसल हम बात कर रहे हैं भारत और पाकिस्तान की आजादी के दौर की, यानि साल 1947 की। आंकड़ों पर गौर करें तो उस दौर में एक तोला सोने की कीमत महज 88.62 रुपए थी। आजादी के एक साल बाद हालात थोड़े सुधरे तो सोने के भाव में भी तेजी देखने को मिली। 1748 तक सोने के दाम 95.87 रुपए तक आ पहुंची थी। वहीं, आज सोने के दाम 52000 रुपए प्रति 10 ग्राम के लगभग है। देखा जाए तो आजादी से अब तक सोने की कीमत में 600 गुना बढ़ोतरी हुई है। वहीं, आशंका जताई जा रही है कि आगामी दिनों में ये दाम और आसमान छू सकते हैं।
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आजाद भारत में सोने की कीमत में आई रिकॉर्ड गिरावट
साल 1947 के बाद से सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन 1953 में सोने के दाम में भारी गिरावट देखने को मिला। 1953 में भारत में सोने के दाम 73.06 रुपए तब गिर गए थे। इसके बाद 1963 तक सोने के भाव में तेजी देखी गई, फिर 1964 में रिकॉर्ड गिरावट आई। उस दौरान एक तोले की कीमत 63.25 रुपए हो गई थी, जो आजादी के पहले हुआ करती थी। वहीं 1959 में पहला मौका आया था, जब सोने की कीमतों ने सैकड़े को पार किया और प्रति 10 ग्राम की कीमत 102.56 रुपए हो गई थी।
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