नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) पिछले दशक में ज्यादातर समय तक सकारात्मक रहने के बाद शांति एवं सुरक्षा के साथ स्वास्थ्य एवं कल्याण के क्षेत्रों में सहयोग 2020 के बाद कमजोर पड़ने से वैश्विक सहयोग में गिरावट आनी शुरू हो गई है। सोमवार को एक अध्ययन रिपोर्ट में यह दावा किया गया।
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने ‘वैश्विक सहयोग बैरोमीटर’ जारी करते हुए कहा कि जलवायु और प्राकृतिक संसाधन, व्यापार एवं पूंजी प्रवाह और नवाचार एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा के बीच भी सहयोग संभव है और इनमें मजबूती के संकेत भी नजर आते हैं।
डब्ल्यूईएफ की स्विट्जरलैंड के दावोस में होने वाली वार्षिक बैठक से कुछ दिन पहले जारी इस रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बैरोमीटर बताता है कि 2012 से 2020 तक वैश्विक सहयोग कई आयामों में मजबूत था लेकिन 2020 से 2022 तक समग्र सहयोग में दो प्रतिशत की गिरावट आई।’
मैकिंजी एंड कंपनी के सहयोग से तैयार इस बैरोमीटर में 2012 और 2022 के बीच वैश्विक सहयोग के पांच स्तंभों को मापने के लिए 42 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है। इन संकेतकों में व्यापार एवं पूंजी, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी, जलवायु एवं प्राकृतिक संसाधन, स्वास्थ्य एवं कल्याण और शांति एवं सुरक्षा शामिल हैं।
बैरोमीटर से पता चलता है कि व्यापार और पूंजी, नवाचार और प्रौद्योगिकी और जलवायु एवं प्राकृतिक पूंजी जैसे स्तंभों में आलोच्य अवधि के दौरान वैश्विक सहयोग मजबूत बना रहा।
हालांकि, यह उन चुनौतियों को भी दर्शाता है जिनका दुनिया ने पिछले तीन वर्षों में सामना किया है। इसमें वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग में उठापटक और हिंसक संघर्षों में वृद्धि शामिल है।
डब्ल्यूईएफ के अध्यक्ष बोर्ज ब्रेंडे ने कहा, ‘हमारे समाज और अर्थव्यवस्थाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौतियां और सबसे आशाजनक अवसर सीमाओं से बंधे नहीं हैं। इसका मतलब है कि उनसे निपटने का एकमात्र तरीका सहयोग ही है।’
उन्होंने कहा, ‘बैरोमीटर से पता चलता है कि प्रतिस्पर्धा और टकराव के बीच भी कई मुद्दों पर सहयोग संभव है। नेता हर बात के लिए सहमत न होने के बावजूद मिलकर काम कर सकते हैं।’
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