नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने मंगलवार को कहा कि वह ‘एक राष्ट्र एक स्वर्ण दर’ को लागू करने के लिए काम कर रही है।
इस कवायद का मकसद घरेलू सोने की कीमतों को मानकीकृत करना है। इस समय ये कीमतें देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हैं।
जीजेसी सचिव मितेश धोरडा ने कहा, ‘‘हम एक ही दर पर सोना आयात करते हैं, लेकिन घरेलू खुदरा कीमतें एक शहर से दूसरे शहर में अलग होती हैं। हम चाहते हैं कि पूरे देश में एक ही दर लागू हो।’’
उन्होंने 22 अक्टूबर से नौ दिसंबर तक चलने वाले एक नए वार्षिक स्वर्ण महोत्सव ‘लकी लक्ष्मी’ की शुरुआत के मौके पर यह बात कही।
परिषद ने पहले ही अपने सदस्यों के साथ 50 से अधिक बैठकें की हैं और वह इस पहल के लिए 8,000 सुनारों को साथ लाने में कामयाब रही है।
इस बारे में सरकार को भी सुझाव दिए गए हैं और उद्योग के हितधारकों को समझाने की कोशिश जारी है।
धोरदा ने कहा, ‘‘हम अपने सदस्यों को व्हाट्सएप के जरिये अनुशंसित दर की जानकारी दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य कम से कम 4-5 लाख सुनारों तक चरणबद्ध तरीके से पहुंचना है।’’ उन्होंने कहा कि गुजरात में कार्यान्वयन विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण रहा है।
भाषा पाण्डेय अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)