नयी दिल्ली, 29 जनवरी (भाषा) प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग को लेकर फैली नकारात्मक छवि को दूर करने एवं साख को सुधारने के लिए इस उद्योग के दिग्गजों ने एकजुट होकर काम करने का बुधवार को संकल्प लिया।
देश में प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की अग्रणी संस्था ‘इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन’ (आईडीएसए) की सीईओ परिषद की यहां हुई बैठक में यह फैसला किया गया। इसमें संगठन की सदस्य कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने शिरकत की।
बैठक में ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, हर्बलाइफ, एमवे, यूनिसिटी, फोरलाइफ, पीएम इंटरनेशनल, एटॉमी, मॉडेर और यूसाना के सीईओ ने उद्योग की प्रतिष्ठा सुधारने, नैतिक आचरण एवं महिला सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर सामूहिक रूप से काम करने का संकल्प लिया।
आईडीएसए की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, पोंजी और पिरामिड योजनाओं के जरिये प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग की छवि खराब करने और लोगों से धोखाधड़ी कर गायब हो जाने वाली संदिग्ध कंपनियों के कारण पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों से निपटने की तत्काल जरूरत पर बल दिया गया।
बैठक में कहा गया कि ऐसी गतिविधियां न केवल उपभोक्ताओं के हितों को नुकसान पहुंचाती हैं बल्कि उनका विश्वास भी कम करती हैं और इससे वैध एवं कारोबारी पारदर्शिता भी प्रभावित होती है।
सीधे उपभोक्ताओं को उत्पादों की बिक्री करने वाले उद्योग के शीर्ष अधिकारियों ने ऐसी चुनौतियों से निपटने, उपभोक्ता हितों के संरक्षण, प्रत्यक्ष बिक्री के लिए विश्वसनीय माहौल बनाने तथा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए काम करने की प्रतिबद्धता जताई।
आईडीएसए के अध्यक्ष विवेक कटोच ने कहा, ‘हमारे सामूहिक प्रयास लाखों लोगों, विशेष रूप से महिलाओं का सशक्तिकरण और उपभोक्ताओं का विश्वास मजबूत करेंगे। इससे उद्योग को भी अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।“
देश में प्रत्यक्ष बिक्री का बाजार सालाना 12 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ते हुए 21,282 करोड़ रूपये को पार कर चुका है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)