जमशेदपुर (झारखंड), 26 जून (भाषा) टाटा स्टील का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने कार्यबल में लैंगिक अल्पसंख्यकों, वंचित समूहों की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत करना हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
कार्यबल में लैंगिक अल्पसंख्यकों, दिव्यांग, वंचित समुदाय और एलजीबीटीक्यूआईए+ लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाया जाएगा।
अधिकारी ने दावा किया कि यह देश की पहली कंपनियों में से एक है जिसने ट्रांसजेंडर प्रतिभाओं के लिए विशेष भर्ती अभियान शुरू किया है। विभिन्न स्थानों पर अलग-अलग भूमिकाओं में समुदाय के 100 से अधिक सदस्यों की भर्ती की गई है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ इस अभियान को जारी रखते हुए हमारा लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में अपने कार्यबल में 25 प्रतिशत विविध समूहों के लोगों को शामिल करना है।’’
कुल 113 ट्रांसजेंडर लोगों को विनिर्माण, संचालन और रखरखाव, खनन और सेवाओं सहित विभिन्न स्थानों पर नियुक्त किया गया है। ये कर्मचारी नोआमुंडी, वेस्ट बोकारो, कोलकाता, खड़गपुर, कलिंगा नगर और जमशेदपुर में पदस्थ हैं।
टाटा स्टील की मुख्य विविधता अधिकारी जया सिंह पांडा ने कहा, ‘‘ हम एक ऐसे कार्यस्थल को विकसित करने में विश्वास करते हैं, जहां हर लिंग से नाता रखने वाला व्यक्ति मूल्यवान, सम्मानित और सशक्त महसूस करे। विविधता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इस अभियान को जारी रखना दीर्घकालिक सफलता और नवाचार की कुंजी है।’’
कंपनी के जमशेदपुर संयंत्र में कार्यरत एक ट्रांसजेंडर कर्मचारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘‘ हम कंपनी में बेहद सुरक्षित महसूस करते हैं, क्योंकि हमारे सहकर्मी मित्रवत और मददगार हैं। कंपनी ने हमारे लिए अलग शौचालय सहित बुनियादी सुविधाएं विकसित की हैं।’’
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