Garlic crosses Rs 400 per kg: देश में इन दिनों टमाटर से लेकर हरी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। गर्मी और बारिश खत्म होने के बाद भी इनके दामों में ज्यादा गिरानट नहीं आ रही है। लगातार बढ़ते दाम आम आदमी की जेब ढिली कर रहे हैं। इसी बीच अब लहसून और प्याज की कीमतों को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। जी हां.. बता दें कि लहसून के दाम ने 400 किलो का आंकड़ा पार कर लिया है। वहीं, प्याज 80 से 100 रुपये किलो तक बिक रहे हैं।
आसमान छू रहे प्याज के दाम
प्याज की कीमत 80 रुपये प्रतिकिलो का आंकड़ा छू लिया है। थोक बाजार में इसकी कीमत जहां 40-60 रुपये प्रति किलोग्राम चल रही थी, वो बढ़कर 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। वहीं, लहसुन की कीमत थोक बाजार में 300 तो खुदरा बाजार में 400 रुपये किलोग्राम तक पहुंच गई है। ऐसे में हरी सब्जियों की दोगुनी हो चुकी कीमत ने लोगों के जेब पर असर डालना शुरू कर दिया है।
प्याज की कीमतों में तेजी की वजह
प्याज की कीमतों में तेजी के पीछे बड़ी वजह सप्लाई चेन में बाधा है। दरअसल, आजादपुर मंडी में प्याज और लहसुन व्यापारियों की माने तो पुरानी फसल खत्म हो चुकी है और नई फसल की सप्लाई नहीं हो रही है। नई फसल न आने और निर्यात में तेजी के चलते प्याज की कीमत में तेजी जारी है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के एनुसार, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक में फसल खराब होने से कीमतों में तेजी आई है। नासिक के पिंपलगांव बाजार में बेहतरीन गुणवत्ता वाले प्याज की कीमत 51 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। वहीं, बांग्लादेश द्वारा प्याज पर आयात शुल्क हटाने से निर्यात में भी तेजी आई है।
प्याज ने तोड़ा 5 साल का रिकॉर्ड
प्याज की कीमत ने पिछले 5 सालों के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। नासिक के बेंचमार्क लासलगांव बाजार में प्याज की कीमतें पांच साल के उच्चतम स्तर 54 रुपये प्रति किलो को पार कर गई है। सप्लाई में कमी और मांग में तेजी के चलते प्याज की थोक कीमतों में 30 से 35% की वृद्धि हुई है। ऐसे में बढ़ती कीमत के चलते प्याज ने अपने पिछले 5 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। बता दें कि, दिसंबर 2019 को प्याज की कीमतों ने 5,656 रुपये पर पहुंच गई थी।