नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की गेल (इंडिया) लि. ने रूस की ऊर्जा कंपनी गजप्रोम की पूर्व इकाई के खिलाफ 1.82 अरब डॉलर के दावे का 28.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में निपटान कर लिया है। कंपनी ने शेयर बाजार को यह सूचना दी।
गेल ने दीर्घावधि अनुबंध के तहत तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति न करने के लिए लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में एसईएफई मार्केटिंग एंड ट्रेडिंग सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दिसंबर 2023 में कानूनी कार्यवाही शुरू की थी। इसने एसईएफई द्वारा प्रतिबद्ध माल की आपूर्ति में चूक के लिए 1.82 अरब अमेरिकी डॉलर के मुआवजे की मांग की थी।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, ‘‘ गेल (इंडिया) लि. और एसईएफई मार्केटिंग एंड ट्रेडिंग सिंगापुर प्राइवेट लि. ने 15 जनवरी 2025 की तारीख वाले निपटान समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। निपटान समझौते की शर्तों में एसईएफई मार्केटिंग एंड ट्रेडिंग सिंगापुर द्वारा गेल को 28.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर का भुगतान और लंदन कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन के समक्ष मध्यस्थता कार्यवाही को वापस लेना शामिल है।’’
कंपनी ने समझौते का कोई ब्योरा नहीं दिया।
गेल ने 2012 में रूस की प्रमुख ऊर्जा कंपनी गजप्रोम के साथ 20 वर्ष के लिए एलएनजी खरीदने का समझौता किया था।
यह सौदा गजप्रोम मार्केटिंग और सिंगापुर (जीएमटीएस) के साथ किया गया था, जो उस समय गजप्रोम जर्मेनिया की एक इकाई थी जिसे अब एसईएफई कहा जाता है। रूस के 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद उसपर पश्चिमी देशों के प्रतिबंध लगाने से रूस की मूल कंपनी ने एसईएफई का स्वामित्व छोड़ दिया था।
इसके बाद एसईएफई ने अपनी स्वयं की मांग को पूरा करने के लिए जून 2022 में भारतीय कंपनी को एलएनजी की आपूर्ति बंद कर दी थी। हालांकि मार्च 2023 में उसने फिर से आपूर्ति शुरू कर दी थी।
गेल ने आपूर्ति न होने की अवधि के लिए क्षतिपूर्ति की मांग की थी।
भाषा निहारिका रमण
रमण
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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