नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की गेल (इंडिया) लिमिटेड को अपने पाइपलाइन नेटवर्क के जरिये प्राकृतिक गैस परिवहन के लिए मिलने वाले एकीकृत शुल्क में 35 प्रतिशत तक बढ़ोतरी के अनुमान से कर-पूर्व आय सालाना 3,400 करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है। कंपनी के चेयरमैन संदीप कुमार गुप्ता ने यह संभावना जताई।
वर्तमान में लगभग 90 प्रतिशत गैस का परिवहन करने वाले गेल के एकीकृत पाइपलाइन नेटवर्क का शुल्क 58.61 रुपये प्रति 10 लाख बीटीयू (ब्रिटिश थर्मल यूनिट) है।
एकीकृत शुल्क में संशोधन मुख्य रूप से गेल की बढ़ती परिचालन और रखरखाव लागतों को समाहित करने की जरूरत से प्रेरित है। इसके साथ ही यह पाइपलाइन बुनियादी ढांचे में अधिक निवेश को भी प्रोत्साहित करता है।
गुप्ता ने कहा, ‘हमने नियामक को अगस्त, 2024 में शुल्क दरों की समीक्षा के लिए अपेक्षित विवरण प्रस्तुत कर दिए थे। दायर संशोधित शुल्क 78 रुपये प्रति 10 लाख बीटीयू का है।’
उन्होंने कहा कि नियमों के अनुरूप जल्द ही सार्वजनिक परामर्श आयोजित किया जाएगा और नियामक द्वारा संशोधित शुल्क आदेश जारी किया जाएगा। शुल्क समीक्षा प्रक्रिया वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही तक समाप्त होने की उम्मीद है।
गुप्ता ने कहा, ‘वार्षिक आधार पर, इस शुल्क वृद्धि से हमारे कर-पूर्व आय में 3,400 करोड़ रुपये तक की वृद्धि होगी।’
सरकार अपने ऊर्जा बदलाव लक्ष्यों के तहत देश की ऊर्जा टोकरी में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को मौजूदा 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 15 प्रतिशत करने की इच्छुक है।
गुप्ता ने कहा कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) जल्द ही संशोधित शुल्क दर को मंजूरी दे सकता है।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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