सभी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाने के पक्षधर हैं गडकरी | Gadkari favours making all government trains electric

सभी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाने के पक्षधर हैं गडकरी

सभी सरकारी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक बनाने के पक्षधर हैं गडकरी

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 PM IST
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Published Date: February 19, 2021 1:10 pm IST

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि वह अपने मंत्रालय की सभी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक वाहन में बदलने जा रहे हैं। उन्होंने अन्य विभागों से भी इसका अनुसरण करने को कहा ताकि तेल के आयात पर भारत की निर्भरता में कमी लायी जा सके।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को परिवारों को रसोई गैस के लिये सब्सिडी देने के बजाए बिजली से चलने वाले खाना पकाने के उपकरण खरीदने को लेकर सहायता देनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल्ली में 10 हजार इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल से हर महीने 30 करोड़ रुपये की बचत होगी।

‘गो इलेक्ट्रिक’ अभियान शुरू किये जाने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, ‘‘आखिर हम बिजली से खाना पकाने वाले उपकरणों के लिये सब्सिडी क्यों नहीं देते? हम रसोई गैस पर सब्सिडी पहले से दे रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि बिजली से खाना पकाने की प्रणाली साफ-सुथरी है और इससे गैस के लिये आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

गडकरी ने सुझाव दिया कि सभी सरकारी अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहन अनिवार्य किये जाने चाहिए।

उन्होंने बिजली मंत्री आरके सिंह से अपने विभाग में अधिकारियों के लिये इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अनिवार्य करने का आग्रह किया। परिवहन मंत्री ने कहा कि वह अपने विभागों के लिये यह कदम उठाएंगे।

इस मौके पर सिंह ने घोषणा की कि दिल्ली-आगरा और दिल्ली-जयुपर के बीच ‘फ्यूल सेल’ बस सेवा शुरू की जाएगी।

बजट में घोषित हाइड्रोजन एनर्जी मिशन के बारे में मंत्री ने कहा, ‘‘हम हरित हाइड्रोजन के लिये बोली चार से पाचं महीने में आमंत्रित करने जा रहे हैं। हम पहले ही पेट्रोलियम, इस्पात और उर्वरक मंत्रालय के साथ इस बारे में चर्चा कर चुके हैं।’’

उन्होंने आयातित अमोनिया के 10 प्रतिशत को हरित अमोनिया से स्थानापन्न करने की सरकार की योजना के बारे में भी जानकारी दी।

गडकरी ने कहा कि एक इलेक्ट्रिक वाहन का इस्तेमाल करने से ईंधन लागत में प्रति माह 30 हजार रुपये की बचत होती है। इस तरह 10 हजार इलेक्ट्रिक वाहन होने की स्थिति में बचत 30 करोड़ रुपये हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से अकेले 30 करोड़ हर महीने की बचत हो सकती है।

भाषा

सुमन रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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