भारत से जुड़ा है वाहन क्षेत्र का भविष्य : प्रधानमंत्री मोदी |

भारत से जुड़ा है वाहन क्षेत्र का भविष्य : प्रधानमंत्री मोदी

भारत से जुड़ा है वाहन क्षेत्र का भविष्य : प्रधानमंत्री मोदी

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Modified Date: January 17, 2025 / 04:25 PM IST
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Published Date: January 17, 2025 4:25 pm IST

(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वाहन क्षेत्र का भविष्य भारत से जुड़ा है। पिछले एक साल में 2.5 करोड़ वाहनों की बिक्री और चार साल में 36 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) इस बात की पुष्टि करता है।

प्रधानमंत्री ने यहां भारत मंडपम में वैश्विक वाहन प्रदर्शनी ‘भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो’ 2025 का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि भारत वाहन क्षेत्र में आगे बढ़ने और भविष्य संवारने को इच्छुक निवेशकों के लिए एक प्रमुख गंतव्य है।

इस साल पांच दिन चलने वाली प्रदर्शनी तीन स्थानों राष्ट्रीय राजधानी में भारत मंडपम तथा यशोभूमि और ग्रेटर नोएडा में इंडिया एक्सपो सेंटर एवं मार्ट में आयोजित की जा रही है। प्रदर्शनी में वाहन, कल-पुर्जों और प्रौद्योगिकियों से जुड़े 100 से अधिक नए उत्पाद पेश किए जाने की उम्मीद है।

वाहनों की यह प्रदर्शनी 17 से 22 जनवरी तक चलेगी। इसमें एक ही छत के नीचे विभिन्न प्रकार के वाहनों के साथ-साथ गाड़ियों से जुड़ी हर वस्तु देखने को मिलेगी।

मोदी ने कहा कि मोटर वाहन उद्योग नवोन्मेष तथा प्रौद्योगिकी से प्रेरित है और इस क्षेत्र का भविष्य पूर्व, एशिया और भारत से जुड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारत उन सभी निवेशकों के लिए एक बेहतरीन स्थान है जो परिवहन क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहे हैं।’’

मोदी ने कहा कि सरकार हर संभव सहयोग दे रही है और सभी को ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

उन्होंने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने वाहन उद्योग के विकास में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल को पीएलआई (उत्पादन संबंधी प्रोत्साहन) योजना से भी बढ़ावा मिला। इससे इस क्षेत्र में 2.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री में मदद मिली है। इस योजना से वाहन क्षेत्र में प्रत्यक्ष रूप से 1.5 लाख से अधिक नौकरियां सृजित हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ लोगों की आकांक्षाओं तथा युवाओं की ऊर्जा से प्रेरित होकर भारत का वाहन क्षेत्र अभूतपूर्व बदलाव देख रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष भारत के वाहन उद्योग में करीब 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा निर्यात भी बढ़ा। ‘‘भारत में प्रतिवर्ष बिकने वाली कारों की संख्या कई देशों की जनसंख्या से भी अधिक है। प्रतिवर्ष करीब 2.5 करोड़ कारों की बिक्री भारत में लगातार बढ़ती मांग को बताती है।’’

भारत वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और तीसरा सबसे बड़ा यात्री वाहन बाजार है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे भारत वैश्विक स्तर पर शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की ओर बढ़ रहा है… देश के मोटर वाहन बाजार में अभूतपूर्व परिवर्तन और विस्तार देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा कि भारत में वाहन क्षेत्र के भविष्य को कई कारक संचालित करते हैं, जिनमें देश की बड़ी युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग, तेजी से शहरीकरण, आधुनिक बुनियादी ढांचे का विकास और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के जरिये किफायती वाहन शामिल हैं।

मोदी ने कहा कि भारत का प्रमुख ग्राहक आधार मध्यम वर्ग है और पिछले दशक में 25 करोड़ भारतीय गरीबी से बाहर निकल आए हैं, जिससे एक नव-मध्यम वर्ग का उदय हुआ है जो अपना पहला वाहन खरीद रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसी परिवहन प्रणाली का निर्माण कर रहा है जो अर्थव्यवस्था और परिवेश दोनों को सहारा देती है। इससे जीवाश्म ईंधन (कच्चा तेल) के आयात ‘बिल’ में कमी आती है। देश हरित प्रौद्योगिकी, ईवी, हाइड्रोजन ईंधन और जैव ईंधन के विकास पर ध्यान दे रहा है।

सरकार द्वारा हर स्तर पर वाहन क्षेत्र को प्रदान किए गए व्यापक समर्थन का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में उद्योग में एफडीआई, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वैश्विक साझेदारी के नए अवसर स्थापित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि पिछले चार वर्षों में ही इस क्षेत्र ने 36 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है। आने वाले वर्षों में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री ने साथ ही भारत में वाहन विनिर्माण के लिए एक संपूर्ण परिवेश विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेज वृद्धि हुई है और पिछले एक दशक में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 640 गुना वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले जहां सालाना केवल 2,600 इलेक्ट्रिक वाहन ही बेचे जाते थे, वहीं 2024 में 16.8 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस दशक के अंत तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या आठ गुना हो सकती है, जो इस क्षेत्र में अपार संभावनाओं को दर्शाता है।

उन्होंने विनिर्माताओं से वाहन कबाड़ (स्क्रैपिंग) नीति का लाभ उठाने के लिए भी कहा और सुझाव दिया कि कंपनियां अधिक लोगों को अपने पुराने वाहनों को ‘स्क्रैप’ करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर अपनी स्वयं की प्रोत्साहन योजनाएं शुरू कर सकती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर रतन टाटा और ओसामु सुजुकी को याद किया और कहा कि भारतीय मोटर वाहन क्षेत्र के वृद्धि के साथ-साथ भारत के मध्यम वर्ग परिवारों के सपनों को पूरा करने में इन दोनों दिग्गजों का बहुत बड़ा योगदान है।

मोदी ने विश्वास जताया कि उनकी विरासत भारत के पूरे परिवहन क्षेत्र को प्रेरित करती रहेगी।

इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस प्रदशर्नी के माध्यम से भारत दुनिया के सामने अपनी कहानी बयां कर रहा है। इससे देश में निवेश बढ़ेगा तथा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मोटर वाहन उद्योग आत्मनिर्भर भारत और ‘मेक इन इंडिया’ का प्रतीक बनकर उभरा है।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मनोहर लाल, एच डी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी और हरदीप सिंह पुरी समेत अन्य अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।

भाषा निहारिका रमण

रमण

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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