सेबी प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से जड़े कोष का मॉरीशस से लेना-देना नहीं : एफएससी |

सेबी प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से जड़े कोष का मॉरीशस से लेना-देना नहीं : एफएससी

सेबी प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से जड़े कोष का मॉरीशस से लेना-देना नहीं : एफएससी

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Modified Date: August 13, 2024 / 10:45 PM IST
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Published Date: August 13, 2024 10:45 pm IST

नयी दिल्ली, 13 अगस्त (भाषा) मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (एफएससी) ने मंगलवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों में जिस कोष का जिक्र किया गया है, उसका उनके देश से कोई लेना-देना नहीं है। उसने यह भी कहा कि वह मुखौटा कंपनियों को देश में काम करने की कतई इजाजत नहीं देता। वित्तीय सेवा आयोग ने कहा कि उसने 10 अगस्त, 2024 को अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है। इसमें मॉरीशस-आधारित मुखौटा कंपनियों और मॉरीशस का कर चोरों के पनाहगाह के रूप में उल्लेख किया गया है। एफएससी ने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘आईपीई प्लस फंड’ मॉरीशस का एक छोटा विदेशी कोष है और आईपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस में पंजीकृत है। हम यह साफ करना चाहते हैं कि आईपीई प्लस फंड और आईपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस से जुड़ा नहीं है और इसे कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। सही मायने में इसका मॉरीशस से कोई लेना-देना नहीं है।’’ हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाया कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने बरमूडा स्थित फंड की मॉरीशस-पंजीकृत इकाई में एक अज्ञात राशि का निवेश करने के लिए 2015 में सिंगापुर में एक धन प्रबंधन कंपनी के साथ एक खाता खोला। मॉरीशस फंड का संचालन अदाणी समूह का निदेशक कर रहा था और इसकी मूल इकाई का उपयोग दो अदाणी सहयोगियों द्वारा कोष की हेराफेरी करने तथा शेयर की कीमतें बढ़ाने के लिए किया गया था। गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा क्षेत्र और वैश्विक व्यापार के लिए एकीकृत नियामक एफएससी ने इस कोष के मॉरीशस में पंजीकृत होने की बात को नकार दिया है। एफएससी ने कहा कि मॉरीशस में विधायी ढांचा मुखौटा कंपनियों की अनुमति नहीं देता है। एफएससी ने कहा, ‘‘मॉरीशस के पास वैश्विक व्यापार कंपनियों के लिए एक मजबूत ढांचा है। एफएससी द्वारा लाइसेंस प्राप्त सभी वैश्विक व्यापार कंपनियों को वित्तीय सेवा अधिनियम की धारा 71 के अनुसार निरंतर आधार पर महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करना होता है, जिसकी नियामक द्वारा सख्ती से निगरानी की जाती है।’’ .

एफएससी ने कहा कि मॉरीशस सख्ती से अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम व्यवहार का अनुपालन करता है और इसे आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के मानकों के अनुरूप माना गया है। भाषा रमण अजयअजय

 

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