नयी दिल्ली, सात अक्टूबर (भाषा) दैनिक उपभोग का सामान (एफएमसीजी) बनाने वाली कंपनियों की अपनी ई-कॉमर्स बिक्री में त्वरित आपूर्ति (क्विक कॉमर्स) की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी बढ़ी है और यह उछाल आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह संभावना जताई है।
परामर्श कंपनी डेलॉयट और उद्योग मंडल फिक्की की एक संयुक्त रिपोर्ट कहती है कि त्वरित आपूर्ति वाले खंड की ऑनलाइन बिक्री में हिस्सेदारी लगभग 35 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और यह शहरी उपभोक्ताओं के लिए रोजमर्रा के सामान की खरीदारी का एक पसंदीदा जरिया बनकर उभरा है।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘लगभग 18 प्रतिशत उपभोक्ता क्विक कॉमर्स चैनल से खाद्य और पेय पदार्थों को खरीदना पसंद करते हैं। इस खंड में 2021 से 2023 तक 230 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।’’
हालांकि, इस खंड का कारोबार बढ़ने से ऑनलाइन किराना खरीद के परंपरागत मंचों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। अब त्वरित आपूर्ति और बेहद स्थानीय आपूर्ति की मांग खासकर शहरी क्षेत्रों में बढ़ रही है।’’
रिपोर्ट के मुताबिक, क्विक कॉमर्स खंड में यह उछाल जारी रहने का अनुमान है क्योंकि उपभोक्ता इन मंचों से खरीदारी जारी रखना चाहते हैं। इसकी वजह यह है कि अब भारत में उपभोक्ता एफएमसीजी उत्पादों की खरीद के लिए ई-कॉमर्स मंचों को तरजीह दे रहे हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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