मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी के नए पारिस्थितिकी तंत्र को देश के हितों के प्रति ‘सतर्क’ रहने की जरूरत है।
शीर्ष बैंकर ने यहां वार्षिक ‘ग्लोबल फिनटेक फेस्ट’ को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वित्तपोषकों के उलट लाइसेंस के बगैर एवं अनियमित है, तथा उन्हें ‘जिम्मेदारी-भरा’ व्यवहार कर विश्वास अर्जित करना होगा।
शंकर ने कहा कि जैसे-जैसे फिनटेक क्षेत्र परिपक्व होता है, यह देखना होगा कि संस्थाएं किस तरह से व्यवहार करती हैं।
उन्होंने संकेत दिया कि इन्हें बैंकों और गैर-बैंकिंग ऋणदाताओं जैसी विनियमित संस्थाओं की तरह व्यवहार करना होगा।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि कई प्रतिष्ठित फिनटेक कम्पनियों में चीन की कंपनियों का स्वामित्व रहा है तथा अतीत में डिजिटल कर्जदाताओं में भी चीन की कंपनियों की भूमिका रही है।
शंकर ने कहा, “फिनटेक को सामाजिक और व्यापक आर्थिक हितों एवं प्राथमिकताओं के प्रति सचेत रहने की जरूरत है, न कि उन्हें व्यावसायिक हितों के अधीन करने की।”
एक दिन पहले बुधवार को आरबीआई ने कहा था कि फिनटेक कंपनियों के एक निकाय को स्व-नियामकीय संगठन (एसआरओ) के रूप में कार्य करने के लिए लाइसेंस जारी किया गया है।
डिप्टी गवर्नर ने कहा कि फिनटेक के एसआरओ को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके सभी सदस्य इसके अनुरूप कार्य करें।
उन्होंने एसआरओ से यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि जानबूझकर कीमतों को कम रखने का तरीका न अपनाया जाए।
भाषा अनुराग प्रेम
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