वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना, अन्य उपायों की घोषणा की |

वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना, अन्य उपायों की घोषणा की

वित्त मंत्री ने एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना, अन्य उपायों की घोषणा की

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Modified Date: July 23, 2024 / 03:49 PM IST
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Published Date: July 23, 2024 3:49 pm IST

नयी दिल्ली, 23 जुलाई (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए कर्ज गारंटी योजना लाएगी। इसके तहत बिना किसी गारंटी या तीसरे पक्ष की गारंटी से सावधि ऋण की सुविधा मिल सकेगी।

अपना लगातार सातवां बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि एमएसएमई और विनिर्माण, विशेष रूप से श्रम-गहन इकाइयों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

सीतारमण ने कहा, ‘हमने एमएसएमई के लिए वित्तपोषण, नियामकीय बदलाव और प्रौद्योगिकी सहायता को शामिल करते हुए एक पैकेज तैयार किया है, ताकि उन्हें बढ़ने और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिल सके, जैसा कि अंतरिम बजट में उल्लेख किया गया है।’

विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना ऐसी संस्थाओं के ऋण जोखिमों को एकत्रित करके संचालित होगी।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘अलग से गठित स्व-वित्तपोषण गारंटी निधि प्रत्येक आवेदक को 100 करोड़ रुपये तक का गारंटी कवर प्रदान करेगी, जबकि कर्ज राशि इससे अधिक हो सकती है।’

उधारकर्ता को अग्रिम गारंटी शुल्क तथा कम किए गए ऋण शेष पर वार्षिक गारंटी शुल्क देना होगा।

उन्होंने संकट काल में एमएसएमई को बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था की भी घोषणा की।

सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई को अपने नियंत्रण से परे कारणों से ‘विशेष उल्लेख खाता’ (एसएमए) चरण में होने के बावजूद अपना कारोबार जारी रखने और एनपीए चरण में जाने से बचने के लिए ऋण की आवश्यकता होती है।

उन्होंने कहा, ‘ऋण उपलब्धता को सरकार द्वारा प्रवर्तित कोष से गारंटी के माध्यम से सुनिश्चित किया जाएगा।’’

मंत्री ने एमएसएमई को ऋण देने के लिए एक नए मूल्यांकन मॉडल की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऋण के लिए एमएसएमई का मूल्यांकन करने के लिए बाहरी मूल्यांकन पर निर्भर रहने के बजाय अपनी आंतरिक क्षमता का निर्माण करेंगे।

सीतारमण ने यह भी घोषणा की कि एमएसएमई और पारंपरिक कारीगरों को अपने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) माध्यम में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

ये केंद्र निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक ढांचे के तहत एक ही छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे।

इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के उपायों के तहत सरकार एमएसएमई खरीदारों के लिए टीआरईडी मंच पर अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए कारोबार सीमा को 500 करोड़ रुपये से घटाकर 250 करोड़ रुपये करेगी।

टीआरईडी एमएसएमई की सहायता के लिए एक ऑनलाइन मंच है।

अन्य कदमों के अलावा, सिडबी एमएसएमई क्लस्टर की सेवा के लिए 24 नई शाखाएं खोलेगा।

सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

इसके अलावा, सरकार प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जनमन) के तहत एक अभियान शुरू करेगी।

डेलॉयट इंडिया की अर्थशास्त्री रुमकी मजूमदार ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजनाएं, मशीनरी की खरीद के लिए सावधि ऋण की सुविधा, तथा उन्हें प्रौद्योगिकी सहायता के वित्तपोषण के लिए पैकेज तैयार करना, वित्त तक पहुंच प्रदान करने और निवेश बढ़ाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा, जो इस क्षेत्र में प्रमुख चुनौतियां रही हैं।

भाषा

अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)