भारत में तेजी से बढ़ रहा एफडीआई: गोयल

भारत में तेजी से बढ़ रहा एफडीआई: गोयल

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  • Publish Date - January 5, 2025 / 05:15 PM IST,
    Updated On - January 5, 2025 / 05:15 PM IST

नयी दिल्ली, पांच जनवरी (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया, जापान, यूरोपीय संघ और अमेरिका के निवेशक भारत को शीर्ष निवेश गंतव्य के रूप में मान्यता दे रहे हैं, जिससे तेज आर्थिक वृद्धि हो रही है और लाखों नए रोजगार पैदा हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वैश्विक निवेशक भारत में गहरी रुचि दिखा रहे हैं, क्योंकि यहां मजबूत घरेलू बाजार, कुशल और प्रतिभाशाली कार्यबल और कानून का शासन जैसे कई फायदे हैं।

गोयल ने पीटीआई-भाषा से कहा, ”मैं स्पष्ट रूप से देख सकता हूं कि भारत में एफडीआई एक बार फिर तेजी से बढ़ रहा है और इससे लाखों रोजगार पैदा हो रहे हैं। पश्चिम एशिया के देश, ईएफटीए क्षेत्र, जापान, यूरोपीय संघ और अमेरिका के निवेशक सभी महसूस कर रहे हैं कि भारत एफडीआई के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बना हुआ है।”

उन्होंने कहा कि भारत का स्थिर और पूर्वानुमानित विनियामक ढांचा, अनुकूल कारोबारी माहौल और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देने वाली प्रगतिशील नीतियां दुनिया भर से निवेशकों को आकर्षित कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ”पिछले महीने मैं अमेरिका के सबसे बड़े फंडों में से एक के सीईओ से मिला, जो भारत में सबसे बड़ा निवेशक भी है। उन्होंने मुझे बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में किया गया निवेश उनके फंड का अब तक का सबसे अच्छा निवेश रहा है।”

गोयल ने कहा कि अमेरिकी फंड ने उन्हें बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से भारत में निवेशक हैं, लेकिन उनका 80 प्रतिशत से अधिक निवेश पिछले कुछ वर्षों में हुआ है।

उन्होंने कहा, ”सीईओ ने मुझे बताया कि वह भारत में निवेश के 20 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने के लिए भारत आएंगे और भारत में निवेश की एक और श्रृंखला की घोषणा करेंगे।”

मंत्री ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार का अच्छा प्रदर्शन अधिक से अधिक एफआईआई (विदेशी संस्थागत निवेशक) को भी आकर्षित करेगा।

वैश्विक अनिश्चितताओं और चुनौतियों के बावजूद इस साल जनवरी से भारत में औसतन मासिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक रहा है। इस साल जनवरी-सितंबर की अवधि में देश में एफडीआई लगभग 42 प्रतिशत बढ़कर 42.13 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 29.73 अरब डॉलर था।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय