नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विदेशी ऋण का अनुपात मामूली बढ़कर सितंबर, 2024 के अंत में 19.4 प्रतिशत हो गया, जबकि जून, 2024 के अंत में यह 18.8 प्रतिशत था। शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में यह कहा गया है।
इसमें यह भी कहा गया है कि पिछले कुछ साल से देश का विदेशी ऋण स्थिर बना हुआ है। इससे वैश्विक स्तर पर चुनौतियों के बीच बाह्य मोर्चे पर स्थिरता बनाए रखने में मदद मिली है।
समीक्षा के अनुसार, ‘‘ भारत का विदेशी ऋण और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात मामूली बढ़कर सितंबर, 2024 के अंत में 19.4 प्रतिशत हो गया, जबकि जून, 2024 के अंत में यह जीडीपी का 18.8 प्रतिशत था।’’
वहीं विदेशी मुद्रा भंडार से इसका अनुपात सितंबर, 2024 में घटकर 18.9 प्रतिशत हो गया, जबकि जून, 2024 के अंत में 20.3 प्रतिशत था।
समीक्षा में विदेशी मुद्रा भंडार का जिक्र करते हुए कहा गया है कि दिसंबर, 2024 के अंत तक यह 640.3 अरब अमेरिकी डॉलर था।
यह सितंबर, 2024 तक देश के 711.8 अमेरिकी डॉलर के विदेशी कर्ज का लगभग 90 प्रतिशत को ‘कवर’ करने के लिए पर्याप्त था। यह वैश्विक स्तर पर नाजुक स्थिति के दौरान एक मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
भाषा
रमण अजय
अजय
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)