नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) और निर्यात-उन्मुख इकाइयों (ईओयू) से इस साल पांच फरवरी तक माल निर्यात करने वाली कंपनियां आरओडीटीईपी योजना के तहत लाभ का दावा कर सकती हैं। एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई।
इससे पहले, निर्यातकों को 31 दिसंबर, 2024 तक योजना के तहत लाभ लेने की अनुमति दी गई थी।
निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट योजना (आरओडीटीईपी) के तहत, निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में इस्तेमाल हुए कच्चे माल पर आरोपित विभिन्न केंद्रीय और राज्य शुल्क निर्यातकों को वापस कर दिए जाते हैं। इस समय आरओडीटीईपी दरें 0.3-4.3 प्रतिशत की सीमा में हैं।
डीजीएफटी ने बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा, ”एए (अग्रिम प्राधिकरण), एसईजेड और ईओयू से निर्मित उत्पादों के निर्यात के लिए आरओडीटीईपी योजना के तहत सहायता पांच फरवरी, 2025 तक बढ़ा दी गई है।”
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि छह फरवरी से इन श्रेणियों के निर्यात अब आरओडीटीईपी सहायता के लिए पात्र नहीं होंगे।
अन्य श्रेणियों के लिए योजना के तहत सहायता, यानी घरेलू शुल्क क्षेत्र (एसईजेड और ईओयू के बाहर) इस साल 30 सितंबर तक मिल सकेगी।
आरओडीटीईपी एक प्रोत्साहन न होकर निर्यात वस्तुओं के उत्पादन के दौरान दिए गए शुल्कों और करों की भरपाई है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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