कूरियर से होने वाले निर्यात को भी मिलेंगे सरकारी प्रोत्साहन के लाभ |

कूरियर से होने वाले निर्यात को भी मिलेंगे सरकारी प्रोत्साहन के लाभ

कूरियर से होने वाले निर्यात को भी मिलेंगे सरकारी प्रोत्साहन के लाभ

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 09:03 PM IST, Published Date : September 13, 2024/9:03 pm IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) सरकार ने ई-कॉमर्स निर्यात बढ़ाने के लिए निर्यात को दी जा रही प्रोत्साहन सुविधाएं कूरियर के माध्यम से होने वाले निर्यात तक बढ़ा दी हैं।

व्यापार बोर्ड (बीओटी) की शुक्रवार को मुंबई में हुई बैठक में यह जानकारी दी गई। इस बैठक की अध्यक्षता उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने की।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘ई-कॉमर्स निर्यात के क्षेत्र में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अधिकारियों ने व्यापार मंडल को सूचित किया कि आरओडीटीईपी, आरओएससीटीएल और शुल्क वापसी लाभ कूरियर के माध्यम से किए जाने वाले सभी निर्यातों पर भी तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।’

बयान के मुताबिक, डाक मार्ग से निर्यात को भी इन लाभों के दायरे में लाने की योजना है। इससे कूरियर और डाक माध्यम का उपयोग करने वाले ई-कॉमर्स निर्यातकों के लिए अधिक न्यायसंगत वातावरण तैयार होगा।

आरओडीटीईपी (निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों की छूट) योजना उन निर्यातित उत्पादों पर केंद्रीय, राज्य और स्थानीय करों और शुल्कों की वापसी प्रदान करता है जो अन्य योजनाओं के दायरे में नहीं आते हैं।

इस योजना के दायरे में समुद्री उत्पाद, चमड़ा, रत्न एवं आभूषण, कृषि, विद्युत, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन, मशीनरी और प्लास्टिक सहित कई क्षेत्र आते हैं।

आरओएससीटीएल (राज्य और केंद्रीय शुल्क और करों की छूट) योजना परिधान और तौलिया जैसे मेड-अप उत्पादों की संपूर्ण कपड़ा मूल्य शृंखला को कवर करती है।

वहीं, शुल्क वापसी योजना में निर्यात किए जाने वाले सामान के कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने पर आयातित और उत्पाद शुल्क योग्य सामग्री पर लगाए गए सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद शुल्क को वापस करने का प्रावधान है।

सरकार का यह कदम ई-कॉमर्स निर्यात को बढ़ावा देने की योजना के लिहाज से महत्वपूर्ण है। फिलहाल ई-कॉमर्स निर्यात का आकार करीब दो अरब डॉलर है। यह ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र भी स्थापित कर रही है।

अनुमान है कि भारत का वर्ष 2030 तक ई-कॉमर्स निर्यात 200-300 अरब डॉलर के दायरे में रह सकता है। वैश्विक ई-कॉमर्स निर्यात 2030 में दो लाख करोड़ डॉलर हो जाने की उम्मीद है जो अभी 800 अरब डॉलर है।

मंत्रालय ने कहा कि निर्यातकों के लिए कारोबारी सुगमता लाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय और निर्यात ऋण गारंटी निगम (ईसीजीसी) ने दो पोर्टल जारी किए हैं जो सभी सेवाओं और शिकायतों के समाधान के लिए ऑनलाइन पहुंच प्रदान करेंगे।

जन सुनवाई पोर्टल का संचालन विदेश व्यापार महानिदेशालय करेगा जो संबंधित पक्षों के बीच संचार को सुव्यवस्थित करने और व्यापार और उद्योग से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिए है।

गोयल ने व्यापार बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए ईसीजीसी के नए ऑनलाइन सेवा पोर्टल का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल न केवल ग्राहक सेवाओं को सुव्यवस्थित करेगा बल्कि ईसीजीसी की मुख्य परिचालन दक्षता को भी बढ़ाएगा।

व्यापार बोर्ड भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए सहयोग, चर्चा और नीतिगत सिफारिशों के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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