नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) दूरसंचार कंपनियों के निकाय सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने पिछली स्पेक्ट्रम खरीद के लिए बैंक गारंटी से छूट देने के मंत्रिमंडल के फैसले को ‘‘ऐतिहासिक निर्णय’’ बताया है। उद्योग निकास का कहना है कि इससे दूरसंचार परिचालकों पर वित्तीय बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
वोडाफोन आइडिया (वीआईएल), भारती एयरटेल और रिलायंस जियो सीओएआई के सदस्यों में शाामिल हैं।
सीओएआई ने कहा कि इस कदम से नकदी प्रवाह बढ़ेगा, और नेटवर्क विस्तार व प्रौद्योगिकी उन्नयन में पूंजी निवेश संभव होगा। इससे भविष्य में दूरसंचार नेटवर्क को अधिक मजबूत और सुदृढ़ तरीके से पेश किया जाना सुनिश्चित होगा।
सीओएआई के महानिदेशक एस. पी. कोचर ने बयान में कहा, ‘‘ सीओएआई केंद्रीय मंत्रिमंडल के कदम का स्वागत करता है। साथ ही 2022 से पहले खरीदे गए स्पेक्ट्रम पर दूरसंचार संचालकों के लिए बैंक गारंटी माफ करने की मंजूरी देने पर सरकार को शुक्रिया अदा करता है। यह ऐतिहासिक निर्णय देश में दूरसंचार परिचालकों पर वित्तीय बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण रूप से मदद करेगा।’’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2022 से पहले आयोजित नीलामी के जरिये खरीदे गए स्पेक्ट्रम के लिए बैंक गारंटी जमा करने की आवश्यकता से छूट दे दी है।
इस कदम से कर्ज में डूबी वोडाफोन-आइडिया को बड़ी राहत मिली है क्योंकि वह अक्टूबर, 2025 से सितंबर, 2026 के बीच होने वाले स्पेक्ट्रम भुगतान के लिए 24,746.9 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जमा करने की समयसीमा से पहले ही चूक चुकी है।
इस निर्णय से भारती एयरटेल और रिलायंस जियो को भी राहत मिलेगी, जिन्होंने 2022 से पहले आयोजित विभिन्न नीलामियों के माध्यम से रेडियो तरंगें खरीदी हैं।
इस बीच, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (डीआईपीए) ने बयान में इस निर्णय को भारत के दूरसंचार क्षेत्र के लिए वित्तीय राहत और रणनीतिक समर्थन का महत्वपूर्ण क्षण बताया।
डीआईपीए के महानिदेशक मनोज कुमार सिंह ने कहा, ‘‘ बैंक गारंटी आवश्यकताओं को पूर्वव्यापी प्रभाव से हटाकर सरकार ने अधिक मजबूत वित्तीय वातावरण तैयार किया है, जो दूरसंचार परिचालकों को अपने पूंजी आवंटन को अनुकूलित करने, नकदी बढ़ाने और बुनियादी ढांचे में निवेश में तेजी लाने में सक्षम बनाएगा।’’
भाषा निहारिका अजय
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