नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 6.3 लाख पेंशनर्स को राहत देते हुए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन की राशि में कुछ हिस्सा एक मुश्त लेने की व्यवस्था फिर से बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे उन पेंशनर्स को लाभ होगा, जिन्होंने कम्युटेशन व्यवस्था का विकल्प चुना था और 2009 से पहले रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि पाई थी।
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बता दें कि’कम्युटेशन’ सिस्टम के तहत अगले 15 साल तक मिलने वाली कुल पेंशन अमाउंट में एक तिहाई अमाउंट की कटौती की जाती है और यह एमाउंट पेंशनर्स को एक मुश्त दे दिया जाता है। 15 साल तक पेंशनर्स को कम पेंशन मिलती है और 15 साल बाद फिर पूरी पेंशन मिलने लगती है। मजदूर संगठन काफी समय से पेंशन के ‘कम्युटेशन’ को बहाल करने की मांग कर रहे थे। इससे पहले ईपीएस-95 के तहत सदस्य 10 साल के लिये एक तिहाई पेंशन के बदले एक मुश्त राशि ले सकते थे, लेकिन पूरी पेंशन 15 साल बाद बहाल होती थी।
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जानकारी के अनुसार ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय ‘केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी)’ ने 21 अगस्त 2019 को हैदराबाद में हुई बैठक में कम्युटेशन के तहत एक मुश्त राशि लेने के 15 साल बाद पेंशनर्स की पूरी पेंशन बहाल करने के लिये ईपीएस- 95 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इससे 6.3 लाख पेंशनभोगियों को फायदा मिलेगा।
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