नयी दिल्ली, 15 नवंबर (भाषा) ग्रीनपीस इंडिया और पब्लिक ट्रांसपोर्ट फोरम ने दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को शुक्रवार को पत्र लिखकर उससे उन दिनों में मेट्रो के किराये में रियायत देने का अनुरोध किया है जब वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंच जाता है।
संगठनों ने कहा कि मेट्रो किराये में ‘स्वच्छ वायु रियायत’ देने से लोगों को निजी वाहन के बजाय सार्वजनिक परिवहन का अधिक इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
पत्र में संगठनों ने एक कुशल तथा किफायती परिवहन प्रणाली की जरूरत पर भी जोर दिया जो शहर में उत्सर्जन के स्तर को कम कर सके।
इसमें कहा गया, ‘‘ यह पहल स्वच्छ, कुशल परिवहन को किफायती बनाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकती है, जिससे नागरिकों को टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।’’
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र की निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, दिल्ली के वायु प्रदूषण में परिवहन की सबसे अधिक करीब 16 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
संगठनों ने कई सिफारिशें प्रस्तावित कीं, जिनमें उच्च प्रदूषण वाले दिनों में मेट्रो किराये में 20-30 प्रतिशत की कटौती करना और लोगों को निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।
उन्होंने पहले और अंतिम पड़ाव तक बेहतर संपर्क सुनिश्चित करने के लिए ‘मेट्रो फीडर’ बसें चलाने, मेट्रो के उपयोग के पर्यावरणीय लाभ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सार्वजनिक अभियान शुरू करने और मेट्रो स्टेशन पर ‘इनडोर’ वायु गुणवत्ता में सुधार करने का भी सुझाव दिया।
‘समीर ऐप’ के अनुसार, सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 411 के साथ ‘गंभीर’ श्रेणी (400 से 500) में था।
ग्रीनपीस इंडिया पर्यावरण संरक्षण पर काम करती है, जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट फोरम नागरिक समाज संगठनों तथा युवा समूहों का एक समूह है जो परिवहन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है।
भाषा निहारिका अजय
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