कर्मचारियो के काम के घंटों से ज्यादा उनका सशक्तीकरण महत्वपूर्ण : आईटीसी चेयरमैन पुरी |

कर्मचारियो के काम के घंटों से ज्यादा उनका सशक्तीकरण महत्वपूर्ण : आईटीसी चेयरमैन पुरी

कर्मचारियो के काम के घंटों से ज्यादा उनका सशक्तीकरण महत्वपूर्ण : आईटीसी चेयरमैन पुरी

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Modified Date: January 14, 2025 / 02:18 PM IST
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Published Date: January 14, 2025 2:18 pm IST

नयी दिल्ली, 14 जनवरी (भाषा) आईटीसी लिमिटेड के चेयरमैन संजीव पुरी ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने के विवाद पर कहा है कि कर्मचारियों के लिए कामकाजी घंटे निर्धारित करने के बजाय उन्हें कंपनी के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ना अधिक महत्वपूर्ण है।

पुरी ने कर्मचारियों को निश्चित घंटों तक काम करने के सवाल पर कहा, ‘‘ हम ऐसा नहीं करेंगे। हम चाहते हैं कि लोग (कंपनी की) यात्रा का हिस्सा बनें और जोश से इसमें शामिल हों तथा उद्यम में बदलाव लाने की उनमें इच्छा हो…हम इसे इस तरह देखते हैं।’’

आईटीसी सिगरेट से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं तक के कारोबार में है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कंपनी लचीले कामकाजी माहौल पर जोर देती है जिसमें सप्ताह में दो दिन घर से काम करना भी शामिल है।’’

गौरतलब है कि भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग व निर्माण कंपनी लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एस. एन. सुब्रह्मण्यन के कर्मचारियों को घर पर बैठने के बजाय रविवार सहित हर सप्ताह 90 घंटे काम करने के बयान पर जारी विवाद को लेकर पुरी ने यह टिप्पणी की है।

सुब्रह्मण्यन एक वीडियो में कर्मचारियों के साथ बातचीत में कहते दिखे थे ‘‘ मुझे खेद है कि मैं आप लोगों से रविवार को काम नहीं करा सकता। आप घर बैठकर क्या करेंगे? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं और आपकी पत्नी कितनी देर तक आपको देख सकती है?’’

इस वीडियो के सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद निजी जिंदगी और काम के बीच संतुलन को लेकर बहस छिड़ गई है।

पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मैं जानता हूं कि उन पर (सुब्रमण्यन पर) काफी बहस हो चुकी है, लेकिन मैं आपको बता दूं कि इसको देखने का आपका क्या नजरिया है।’’

इसके बाद उन्होंने बताया कि कंपनी के दृष्टिकोण और लक्ष्य के अनुरूप कर्मचारियों को सशक्त बनाना कितना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप ईंट लगाने वाले किसी राजमिस्त्री से पूछें, तो (वह कहेगा) मैं ईंट लगा रहा हूं। कोई कह सकता है कि मैं दीवार बना रहा हूं। कोई कह सकता है कि मैं इस पूरे दल का हिस्सा हूं जो यहां महल बना रहा है और जो व्यक्ति कहता है कि मैं महल बना रहा हूं उसका नजरिया एकदम अलग है।’’

पुरी ने कहा कि दूरदर्शिता, मूल्य और जीवंतता ही आईटीसी का सार है।

इससे पहले इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति ने 70 घंटे के कार्य सप्ताह का सुझाव दिया था। वहीं उससे पहले अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा था कि अगर कोई घर पर आठ घंटे से अधिक समय बिताएगा तो उनकी ‘‘ पत्नी भाग जाएगी।’’

भाषा निहारिका अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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