नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) असंगठित क्षेत्र के उद्यमों में सितंबर, 2024 को समाप्त वर्ष के दौरान रोजगार 10.01 प्रतिशत बढ़कर 12 करोड़ से अधिक हो गए, जबकि प्रतिष्ठानों की संख्या 12.28 प्रतिशत बढ़कर 7.34 करोड़ हो गई। एक सरकारी सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है।
असंगठित गैर-कृषि क्षेत्र के उद्यमों को शामिल करने वाले इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि अक्टूबर, 2023- सितंबर, 2024 की अवधि में सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में 16.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
ये निष्कर्ष अक्टूबर, 2023- सितंबर, 2024 की अवधि के लिए असंगठित क्षेत्र के उद्यमों के वार्षिक सर्वेक्षण का हिस्सा हैं।
इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने मंगलवार को जारी किया।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, असंगठित क्षेत्र ने अक्टूबर, 2023 और सितंबर, 2024 के दौरान 12.05 करोड़ श्रमिकों को रोजगार दिया। यह संख्या 2022-23 अवधि में मिले 10.96 करोड़ रोजगार से एक करोड़ अधिक है जो मजबूत श्रम बाजार को दर्शाती है।
व्यापक गतिविधियों में अर्थव्यवस्था के ‘अन्य सेवा’ क्षेत्र ने 17.86 प्रतिशत की उच्चतम वार्षिक वृद्धि दिखाई जिसके बाद विनिर्माण क्षेत्र में 10.03 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
महिलाओं के मालिकाना हक वाले प्रतिष्ठानों का अनुपात 2022-23 के 22.9 प्रतिशत से बढ़कर नवीनतम सर्वेक्षण में 26.2 प्रतिशत हो गया है। यह प्रवृत्ति व्यवसाय स्वामित्व में महिलाओं की भागीदारी में सकारात्मक बदलाव को दर्शाती है।
इस सर्वेक्षण को क्षेत्र के ढांचे के आधार पर किया गया है और प्रतिष्ठानों को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की चयनित इकाइयों में सूचीबद्ध किया गया है।
इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले प्रतिष्ठानों का अनुपात पिछले सर्वेक्षण के 21.1 प्रतिशत से बढ़कर नए सर्वेक्षण में 26.7 प्रतिशत हो गया है। यह पर्याप्त वृद्धि प्रतिष्ठानों के बीच डिजिटल साधनों की स्वीकार्यता की दिशा में एक मजबूत प्रवृत्ति को दर्शाती है।
सर्वेक्षण 2023-24 में प्रति कर्मचारी औसत पारिश्रमिक में भी 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो वेतन स्तर में सुधार का संकेत है। यह वेतन वृद्धि एक उत्प्रेरक के रूप में काम करती है, श्रम बाजार को मजबूत करती है, उत्पादकता बढ़ाती है और व्यापक आर्थिक मांग को बढ़ावा देती है।
विनिर्माण क्षेत्र में सबसे अधिक 16 प्रतिशत से कुछ अधिक की वृद्धि देखी गई। इस क्षेत्र में प्रतिष्ठानों की कुल संख्या 2022-23 के 6.50 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 7.34 करोड़ हो गई, जो 12.84 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि को दर्शाता है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)