नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, राजस्थान और चंडीगढ़ में लाखों बिजली कर्मचारियों ने देशव्यापी प्रदर्शन किया।
अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर संघ (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि करीब 27 लाख बिजली कर्मचारी निजीकरण की कोशिशों के खिलाफ शनिवार को भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में सरकार बिजली वितरण इकाइयों का निजीकरण कर रही है जिसके खिलाफ बिजली कर्मचारी सड़कों पर उतरे।
दुबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है।
उन्होंने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीवीवीएनएल और डीवीवीएनएल की अरबों रुपए की संपत्तियों को निजीकरण के जरिये किस आधार पर निजी घरानों को सौंपा जाएगा।
ये दोनों बिजली वितरण कंपनियां उत्तर प्रदेश के 75 में से 42 जिलों को कवर करती हैं।
दुबे ने कहा कि चंडीगढ़ का बिजली विभाग भी 871 करोड़ रुपये में एक निजी संस्था को सौंपा जा रहा है, जबकि इसकी परिसंपत्तियों की कीमत 22,000 करोड़ रुपये है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह राजस्थान में राजस्थान जेनको के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।
दुबे ने बताया कि शुक्रवार को लखनऊ, चंडीगढ़, जबलपुर, भोपाल, वडोदरा, मुंबई, नागपुर, रायपुर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, हैदराबाद, विजयवाड़ा, बेंगलुरु, पुडुचेरी, रांची, कोलकाता, गुवाहाटी, पटियाला, शिमला, देहरादून, हिसार, जम्मू, श्रीनगर, जयपुर में बिजली कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए।
भाषा अनुराग प्रेम
प्रेम
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)