नवरात्र में त्योहारी मांग बढ़ने से अधिकांश खाद्य तेल-तिलहन के भाव मजबूत |

नवरात्र में त्योहारी मांग बढ़ने से अधिकांश खाद्य तेल-तिलहन के भाव मजबूत

नवरात्र में त्योहारी मांग बढ़ने से अधिकांश खाद्य तेल-तिलहन के भाव मजबूत

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Modified Date: October 4, 2024 / 08:33 PM IST
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Published Date: October 4, 2024 8:33 pm IST

नयी दिल्ली, चार अक्टूबर (भाषा) नवरात्र में त्योहारी मांग बढ़ने के बीच शुक्रवार को देश के थोक तेल-तिलहन बाजार में अधिकांश खाद्यतेल- तिलहनों के भाव मजबूत हुए। सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल तथा बिनौला तेल कीमतों में सुधार दर्ज हुआ।

दूसरी तरफ, आवक बढ़ने और ऊंचे दाम पर कम कारोबार के बीच मूंगफली तेल-तिलहन में गिरावट आई तथा डी-आयल्ड केक (डीओसी) की कमजोर मांग के कारण सोयाबीन तिलहन कीमत पूर्वस्तर पर बंद हुई।

मलेशिया एक्सचेंज दोपहर लगभग तीन प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ जबकि शिकागो एक्सचेंज रात सुधार के साथ बंद हुआ था और फिलहाल यहां मजबूती है।

बाजार सूत्रों ने कहा कि ‘नवरात्र’ त्योहार की मांग बढ़ने के कारण अधिकांश खाद्यतेल-तिलहन कीमतों में सुधार देखने को मिला। आयात कम होने से कम आपूर्ति के कारण भी खाद्यतेल- तिलहनों में सुधार है।

उन्होंने कहा कि आयातित खाद्य तेलों और देशी तेल-तिलहन में सबसे महंगे मूंगफली तेल के दाम में जो अंतर था वह काफी घट गया है और यह अंतर अब 10-11 रुपये किलो का ही रह गया है।

सूत्रों ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस पामोलीन तेल का दाम पहले 95 रुपये किलो था उस समय मूंगफली तेल का दाम 160 रुपये किलो था। लेकिन अब आयातित तेलों में आयात शुल्क वृद्धि किये जाने के बावजूद, आवक बढ़ने की वजह से उसी मूंगफली तेल का दाम घटकर लगभग 148 रुपये किलो रह गया है जबकि मौजूदा समय में पामोलीन तेल का दाम 137-138 रुपये किलो है।

उन्होंने कहा कि यह तथ्य इस आशंका को भी खारिज करता है कि आयातित खाद्यतेलों का आयात शुल्क बढ़ाने से खाद्य तेल-तिलहनों के दाम बेतहाश बढ़े हैं।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेल-तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने और इसके लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद करने के मकसद से सोयाबीन किसानों को पंजीकरण कराने को कहा गया है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में सरकार को मुख्यत: देशी तेल-तिलहनों का बाजार विकसित करने की ओर अधिक ध्यान देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि सोयाबीन से अधिक मात्रा में निकलने वाले डी-आयल्ड केक (डीओसी) का निर्यात बढ़ाने के लिए सरकार को सब्सिडी मुहैय्या करानी चाहिये।

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 6,800-6,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,300-6,575 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,850 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल – 2,250-2,550 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 14,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,210-2,310 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,210-2,325 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 13,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 13,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 12,500 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 12,850 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 13,800 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 12,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,685-4,735 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,450-4,695 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,225 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण अनुराग

अनुराग

 

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