Edible Oil Price: एक बार फिर तेल के दामों में आई भारी गिरावट, यहां देखें आज का ताजा रेट |Edible Oil Price

Edible Oil Price: एक बार फिर तेल के दामों में आई भारी गिरावट, यहां देखें आज का ताजा रेट

Edible Oil Price: एक बार फिर तेल के दामों में आई भारी गिरावट, यहां देखें आज का ताजा रेट all cooking oil price list

Edited By :  
Modified Date: April 23, 2024 / 08:56 PM IST
,
Published Date: April 23, 2024 8:55 pm IST

नई दिल्ली। विदेशी बाजारों में सुधार और मंडियों में सरसों और कपास की आवक घटने के बीच मंगलवार को देश के तेल तिलहन बाजारों में सरसों और बिनौलतेल के दाम में सुधार आया। वहीं, कमजोर मांग के बीच मूंगफली, सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तेल के दाम पूर्व स्तर पर बंद हुए।

Read more: Train Cancelled List: यात्रीगण कृपया ध्यान देवें.. रेलवे ने एक बार फिर रद्द की ये ट्रेनें, घर से निकलने से पहले जरूर देख लें लिस्ट 

बाजार सूत्रों ने कहा कि मंडियों में सरसों की आवक कल के सात लाख बोरी से घटकर आज लगभग साढ़े छह लाख बोरी रह गई। दूसरी ओर कपास की भी आवक लगभग 39-40 हजार गांठ से घटकर 26-28 हजार गांठें रह गई। कपास से जिनिंग मिल कपास बीज को निकालते हैं जिससे बिनौला तेल निकलता है। इन दोनों फसलों की आवक घटने के कारण इन तेलों के दाम सुधार के साथ बंद हुए। उन्होंने कहा कि तेल की कमी को तो आयात से पूरा किया जा सकता है पर हम डी-आयल्ड केक (डीओसी) की तरह खल का आयात कहां से करेंगे ?

Read more: Surya-Guru Milan: इन तीन राशियों के लिए बेहद खास होगा मई का महीना, मिलेगा प्रमोशन, धन-दौलत में होगी वृद्धि 

सूत्रों ने तेल उद्योग की मौजूदा खस्ता हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले कुछ विशेषज्ञ खाद्यतेलों की ‘सप्लाई लाईन’ दुरुस्त होने, आयात बढ़ने आदि का दावा कर रहे थे, लेकिन मौजूदा स्थिति इसके उलट है। उन्होंने कहा कि तेल उद्योग, तिलहन किसान, उपभोक्ता इन सबकी जो हालात है, उस पर कौन ध्यान देगा और उचित कदम उठाने का प्रयास करेगा ? आज से दो महीने बाद अगर आयातित खाद्यतेलों पर आयात शुल्क बढ़ा भी दिया जाये तो उससे देशी मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, सरसों, बिनौला उगाने वाले किसानों का भरोसा बहाल करना कठिन होगा। किसान सीधा सीधा मोटे अनाज जैसे किसी फसल की ओर अपना रुख करेंगे जिसका मंडी में खपने की गारंटी हो और किसानों को अच्छा लाभ मिल सके।

Read more: Mahila ka High Voltage Drama: हेलमेट चेकिंग के दौरान महिला का हाईवोल्टेज ड्रामा, सड़क पर करने लगी ऐसा काम, पुलिस को भी जोड़ने पड़े हाथ, देखें वीडियो 

सूत्रों ने कहा कि एक विरोधाभास यह भी देखने को मिल रहा है कि देश में जरुरत के लगभग 55 प्रतिशत खाद्यतेलों का आयात होता है। देश में लगभग आधी संख्या में पेराई मिलें बंद हो चुकी हैं। तिलहन उत्पादन भी पिछले साल के अपेक्षा कम है लेकिन इन सबके बावजूद कोई खाद्यतेल पूरी तरह बिक नहीं रहा है। खाद्यतेलों के आयात के लिए विदेशीमुद्रा खर्च की जा रही है तो इससे महंगाई बढ़ने की जमीन नहीं तैयार होती ? थोक दाम भले कम हुए हों, पर खुदरा दाम ऊंचा क्यों बना हुआ है, क्या इससे भी महंगाई नहीं बढ़ती ?

Read more: Shefali Jariwala Hot Photos: शेफाली जरीवाला ने बिकनी लुक में मोह लिया फैंस का मन 

सूत्रों ने कहा कि सरकार को एक पहलू पर ध्यान देना होगा कि बाकी उत्पादों के दाम पहले के मुकाबले काफी बढ़े हैं उसकी तुलना में खद्यतेलों के दाम नहीं के बराबर बढ़े हैं जो तेल तिलहन उत्पादन बढ़ाने की राह में एक बड़ा रोड़ा साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971-72 में मूंगफली और सोयाबीन जैसे खाद्यतेलों का दाम 3-3.25 रुपये लीटर हुआ करता था और उस वक्त दूध का सरकारी दाम 58 पैसे लीटर और प्राइवेट में दाम 65-70 पैसे लीटर हुआ करता था। लेकिन मौजूदा समय में दूध का दाम लगभग 60-70 रुपये लीटर है और खाद्यतेलों (सूरजमुखी, सोयाबीन) के थोक दाम 82-85 रुपये लीटर है।

Read more: Disha Patani Sexy Video: दिशा पटानी ने लेटेस्ट वीडियो में काटा बवाल, हॉटनेस देख आंहे भरने को मजबूर हुए फैंस 

सूत्रों के अनुसार कुछ निहित स्वार्थ के लोग वर्षो से खाद्यतेल को ‘विलेन’ बना रखे हैं जिसके दाम बढ़े तो हाय तौबा मच जाती है जबकि दूध के दाम हाल के दिनों में कई बार बढ़े तब किसी ने मुंह नहीं खोला। संभवत: कुछ लोग बहुराष्ट्रीय कंपनियों के हितों को साधने का एक लंबे समय से अभियान चला रहे हैं जो किसी सूरत में देश को खाद्यतेल तिलहन के मामले में आत्मनिर्भर होता नहीं देखना चाहते। इससे उनको दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला बाजार खोने का खतरा हो सकता है। तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,260-5,300 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,170-6,445 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,825 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,255-2,520 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,710-1,810 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,710 -1,825 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

Read more: PM Modi in Dhamtari: मैं देश और जनता के लिए 24/7 खप जाउंगा… पीएम मोदी ने मंच से कही ये बातें 

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 8,875 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,750 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,225 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 4,800-4,820 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 4,600-4,640 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें- https://www.facebook.com/IBC24News

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

 
Flowers