विदेशों में मजबूती के रुख से खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार |

विदेशों में मजबूती के रुख से खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

विदेशों में मजबूती के रुख से खाद्य तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

Edited By :  
Modified Date: April 4, 2023 / 08:04 PM IST
,
Published Date: April 4, 2023 8:04 pm IST

नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) विदेशों में मिले-जुले रुख के बीच दिल्ली तेल- तिलहन बाजार में मंगलवार को मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहन, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल कीमतों में मजबूती रही जबकि सस्ते आयातित तेलों के कारण मांग प्रभावित होने से सरसों तेल- तिलहन के भाव हानि दर्शाते बंद हुए।

बाजार सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में दो प्रतिशत की तेजी रही, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज कल रात दो प्रतिशत मजबूत बंद हुआ था और फिलहाल यहां आधा प्रतिशत की गिरावट है।

सूत्रों ने कहा कि विदेशों की घटबढ़ के कारण देश के तेल-तिलहन बाजार में भी कोई स्थिरता नहीं है क्योंकि भारत अपनी 60 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरतों के लिए आयात पर ही निर्भर है। पिछले दो वर्षो में किसानों को सरसों और सोयाबीन के अच्छे दाम मिले थे और उससे उत्साहित होकर उन्होंने इस साल भी सरसों और सोयाबीन का भरपूर उत्पादन किया लेकिन सूरजमुखी और सोयाबीन जैसे आयातित तेलों के भाव आधे से भी कम रह गये और ऐसी स्थिति में सरसों और सोयाबीन खप नहीं रहा है। सस्ते आयातित सूरजमुखी और सोयाबीन की भरमार के आगे किसानों की सरसों और देशी सोयाबीन की बाजार में खपत नहीं हुई तो उनका भरोसा डगमगा जायेगा और जो स्थिति देश में पैदा होने वाले सूरजमुखी की हुई वही इन तिलहनों के साथ होने का खतरा हो सकता है। इसलिए सरकार को खाद्य तेलों के भाव को नियंत्रित रखने के लिए पुरानी प्रणाली को अपनाने की ओर जाना होगा। सरकार को शुल्क से कोई छेड़छाड़ किये बगैर खाद्य तेलों की आपूर्ति को बढ़ाने एवं कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के जरिये बाजार से सरसों तेल खरीद कर उसका स्टॉक रखने की पुरानी व्यवस्था को अपनाने के बारे में सोचना होगा।

सूत्रों ने कहा कि पुरानी व्यवस्था के तहत सरकार, राज्य व्यापार निगम (स्टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन या एसटीसी) के जरिये नरम खाद्य तेलों (सॉफ्ट ऑयल) का आयात करवाती थी और फिर निविदा के जरिये इनकी बिक्री स्थानीय स्तर पर की जाती थी। इसके कारण मौजूदा समय में जो शुल्कमुक्त आयात के बाद थोक और खुदरा बाजार में सूरजमुखी तेल प्रीमियम राशि (थोक में लगभग 15 रुपये और खुदरा में 30-40 रुपये के साथ बेचा जा रहा है) के साथ बिक रहा है, उस स्थिति पर अंकुश लगेगा।

सूत्रों ने कहा कि खाद्य तेलों के भाव नियंत्रित करने के लिए सरकार शुल्कों से कोई छेड़छाड़ करने के बजाय इसमें स्थिरता रखे तो तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता आ सकती है। शुल्कों की घटबढ़ से किसानों का भरोसा टूटता है और इस बात को देश में सूरजमुखी के उत्पादन के संदर्भ में समझा जा सकता है। एक समय में हमें सूरजमुखी तेल का मामूली मात्रा में आयात करना होता था लेकिन शुल्क की अनिश्चितता के कारण धीरे-धीरे किसानों ने इसका उत्पादन काफी कम कर दिया और इसी कारण से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर रखे जाने के बावजूद सूरजमुखी का उत्पादन जस का तस बना हुआ है। एक और रास्ता यह हो सकता है कि सरकार खुद खाद्य तेल मंगाकर एसटीसी या सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से इसकी बिक्री कराये। इन दोनों ही स्थिति में उपभोक्ताओं को वैश्विक कीमतों में आई गिरावट का लाभ भी मिल सकता है।

सूत्रों ने कहा कि इन पहल के जरिये खल की उपलब्धता बढ़ेगी और दूध के दाम भी सस्ते होंगे, विदेशीमुद्रा की भी बचत होगी, इस कारोबार में रोजगार बढ़ेगा, डीओसी और खल के घरेलू उपयोग के अलावा इसका निर्यात कर भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा की भी कमाई हो सकती है।

मंगलवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 5,540-5,635 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,840-6,900 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,725 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली रिफाइंड तेल 2,550-2,815 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 10,940 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,710-1,780 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 1,710-1,830 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,550 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,350 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,100 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,600 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 9,750 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 5,4575-5,525 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज- 5,225-5,325 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

Follow Us

Follow us on your favorite platform:

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers