नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने ऋणदाता के साथ कथित धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में जम्मू और कश्मीर ग्रामीण बैंक (जेकेजीबी) के पूर्व शाखा प्रबंधक, उनके परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य लोगों की 3.40 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि पूर्व बैंक अधिकारी इश्तियाक अहमद पार्रे, (खय्याम, श्रीनगर के तंगबाग के निवासी), तारिक अली पार्रे, हसीना बानो और मकसूद अली पार्रे के खिलाफ धन शोधन रोधक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक शुरुआती आदेश जारी किया गया था, ताकि श्रीनगर में स्थित उनकी संपत्तियों और दिल्ली के जाकिर नगर इलाके में एक फ्लैट को फ्रीज किया जा सके।
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) का मामला केंद्रीय अन्वेषक ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इश्तियाक और 10 अन्य के खिलाफ गैर-मौजूद उधारकर्ताओं को विभिन्न प्रकार के ऋण धोखाधड़ी से मंजूर करके 6.30 करोड़ रुपये के धन के ‘गबन’ के आरोप में दायर आरोपपत्र से उपजा है।
ईडी के अनुसार, जब इश्तियाक वर्ष 2014 से वर्ष 2019 के बीच जेकेजीबी मीरगुंड, पट्टन और खानपेट में शाखा प्रबंधक के रूप में तैनात था, तब उसने ‘धोखाधड़ी’ से 107 किसान क्रेडिट कार्ड ऋण, 50 संयुक्त देयता समूह ऋण, 17 वाहन ऋण, चार नकद ऋण ऋण और दो आसान वित्त ऋण मंजूर किए।
उसने 180 खातों के लिए 6.30 करोड़ रुपये के ये ऋण मंजूर किए, जो बाद में गैर-निष्पादित आस्ति (एनपीए) में बदल गए।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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