भारत की मजबूत बुनियाद को बताता है आर्थिक वृद्धि परिदृश्य: आरबीआई गवर्नर |

भारत की मजबूत बुनियाद को बताता है आर्थिक वृद्धि परिदृश्य: आरबीआई गवर्नर

भारत की मजबूत बुनियाद को बताता है आर्थिक वृद्धि परिदृश्य: आरबीआई गवर्नर

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 12:15 PM IST, Published Date : September 13, 2024/12:15 pm IST

सिंगापुर, 13 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि भारत का वृद्धि परिदृश्य देश के वृहद आर्थिक बुनियाद की मजबूती को बताता है। उन्होंने कहा कि इसमें निजी उपभोग और निवेश जैसे घरेलू तत्व प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने ब्रेटन वुड्स कमेटी, सिंगापुर द्वारा आयोजित ‘फ्यूचर ऑफ फाइनेंस फोरम 2024’ में कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि को वृहत आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के माहौल का समर्थन है।

दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण आए गंभीर संकट से उबर गई और इसकी 2021-24 के दौरान औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक रही।

चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वास्तविक जीडीपी यानी आधार मूल्य पर वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

उन्होंने कहा, ‘यह वृद्धि दृष्टिकोण भारत के वृहद आर्थिक बुनियाद की ताकत को दिखाता है। इसमें घरेलू तत्व – निजी खपत और निवेश – प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।’

दास ने मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि यह अप्रैल, 2022 के 7.8 प्रतिशत के उच्च स्तर से घटकर दो से छह प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गई है, लेकिन ‘हमें अभी भी एक दूरी तय करनी है और हम दूसरी तरफ देखने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।’’

गवर्नर ने कहा कि रिजर्व बैंक के अनुमानों से संकेत मिलता है कि मुद्रास्फीति घटकर 2024-25 में 4.5 प्रतिशत और 2025-26 में 4.1 प्रतिशत हो सकती है। यह 2023-24 में 5.4 प्रतिशत थी।

उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति लगातार दूसरे महीने अगस्त में रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे 3.65 प्रतिशत पर रही। जुलाई में यह पांच साल के निचले स्तर 3.6 प्रतिशत पर थी।’’

उन्होंने कहा, “ राजकोषीय मजबूती जारी है और मध्यम अवधि में सार्वजनिक ऋण का स्तर घट रहा है। कंपनियों के प्रदर्शन में सुधार हुआ है, जिससे उनके कर्ज में कमी आई है और लाभ के कारण मजबूत वृद्धि संभव हुई है।”

गवर्नर ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का बहीखाता भी मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘हमारे परीक्षणों से पता चलता है कि ये वित्तीय इकाइयां गंभीर तनाव परिदृश्यों में भी नियामकीय पूंजी और नकदी आवश्यकताओं को बनाए रखने में सक्षम होंगी।’

दास ने कहा कि वैश्विक प्रगति के बारे में भारत का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर जोर देता है जो लोगों पर केंद्रित, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई-उन्मुख और निर्णायक है।

उन्होंने कहा कि साल 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता और उसके बाद उसका निरंतर योगदान नयी दिल्ली के विश्व को ‘एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य’ बनाने के दृष्टिकोण को बताता है।

दास ने कहा, “इन प्राथमिकताओं में 21वीं सदी की साझा वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों (विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) को मजबूत करना, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के माध्यम से वित्तीय समावेश को बढ़ावा देना, निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए ऋण का समाधान और कल के शहरों का वित्तपोषण करना आदि शामिल हैं।”

भाषा अनुराग रमण

रमण

 

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