नईदिल्ली। सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की आर्थिक हालत बिगाड़ने का कारण बन रही है। किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत एसबीआई का एनपीए बीते तीन सालों में दोगुना हो गया है।
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आंकड़ों के अनुसार, एसबीआई का कुल एनपीए सितंबर 2016-17 से लेकर सितंबर 2019 तक 8 प्रतिशत से बढ़कर 16 प्रतिशत हो गया है। फिलहाल एसबीआई का एनपीए 17,000 करोड़ से भी ज्यादा है। हालांकि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एनपीए बढ़ने की वजह अर्थव्यवस्था में मंदी, ग्रामीण इलाकों की मंदी और फसल की कम कीमत मिलना भी इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है।
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सभी बैंकों के किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत कुल एनपीए की बात करें तो यह करीब 1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है। किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोन दिए गए हैं, जो कि करीब 1.09 लाख करोड़ रुपए है। इसके बाद राजस्थान में 81,070 करोड़, मध्य प्रदेश में 64,725 करोड़, पंजाब में 57,073 करोड़, महाराष्ट्र में 55,934 करोड़ और गुजरात में 44,998 करोड़ रुपए के केसीसी लोन दिए गए हैं।
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गौरतलब है कि सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना की शुरूआत करीब 20 साल पहले हुई थी। किसान क्रेडिट कार्ड लोन योजना के तहत किसानों को उनके फसल संबंधी खर्चों के लिए लोन दिया जाता है। इसमें फसल लगाने से लेकर उसकी कटाई तक के खर्चे शामिल हैं। इस तरह के लोन पर ब्याज दर भी खासी कम है, जो कि करीब 7 प्रतिशत सालाना है।
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