Ashwagandha Farming

इस औषधीय फसल की खेती करने से बदल जाएगी किस्मत, बेहद कम समय में हो जाएंगे मालामाल..

Ashwagandha Farming: लोग अच्छा मुनाफा कमाने के लिए नौकरी के साथ-साथ खेती की ओर रुख कर रहे हैं। भारत के किसान भी अब परंपरागत फसलों को छोड़कर नकदी और मेडिसिनल प्लांट की खेती कर रहे हैं। इससे वे अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। Earn great profits by cultivating Ashwagandha, you will get rich in a very short time

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:36 PM IST
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Published Date: November 12, 2022 3:50 pm IST

नई दिल्ली। Ashwagandha Farming: आजकल लोग खेती की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग अच्छा मुनाफा कमाने के लिए नौकरी के साथ-साथ खेती की ओर रुख कर रहे हैं। भारत के किसान भी अब परंपरागत फसलों को छोड़कर नकदी और मेडिसिनल प्लांट की खेती कर रहे हैं। इससे वे अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस फसल की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।

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Ashwagandha Farming: अश्वगंधा की खेती कर आप काम लागत में इसकी खेती कर शानदार कमाई कर सकते हैं। अश्वगंधा की खेती कर आप कम समय में अधिक मुनाफा कमा कर मालामाल हो सकते हैं। आपको बता दें भारत में अश्वगंधा की खेती हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब, केरल, आंध्र प्रदेश और जम्मू कश्मीर में की जा रही है। इसकी खेती खारे पानी में भी की जा सकती है।

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इन बीमारियों में फायदेमंद है अश्वगंधा

Ashwagandha Farming: बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान भी अब बड़े पैमाने पर अश्वगंधा की खेती कर रहे हैं। अश्वगंधा एक औषधीय फसल है। सभी जड़ी बूटियों में सबसे अधिक प्रसिद्ध अश्वगंधा ही है। तनाव और चिंता को दूर करने के लिए अश्वगंधा को सबसे फायदेमंद माना जाता है। यह एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। अश्वगंधा की जड़ से घोड़े यानी अश्व की तरह गंध आती है, इसी कारण से इसे अश्वगंधा कहते हैं।

औषधीय गुणों से भरपूर है अश्वगंधा

Ashwagandha Farming: अश्वगंधा के कई तरह के इस्तेमाल के कारण इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। अश्वगंधा के फल, बीज और छाल का प्रयोग कर कई प्रकार की दवाइयां बनाई जाती है। आपको बता दें, कि लागत से कई गुना मुनाफा होने की वजह से अश्वगंधा को कैश क्रॉप भी कहते हैं। यानी अश्वगंधा की खेती कर आप शानदार मुनाफा कमा सकते हैं।

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कब करें अश्वगंधा की खेती

Ashwagandha Farming: दरअसल,  अश्वगंधा की खेती के लिए सितंबर-अक्टूबर के महीने को बेहतर माना जाता है और इसी महीने में इसकी खेती की जाती है। इसकी अच्छी फसल के लिए जमीन में नमी और मौसम शुष्क होना चाहिए। रबी के मौसम में अगर बारिश हो जाए तो फसल बेहतर हो जाती है। इसकी अच्छी फसल के लिए जुताई के समय ही खेत में जैविक खाद डाल दी जाती है। बुवाई के लिए 10-12 किलो प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है। बुवाई के 7-8 दिनों में ही बीज अंकुरित हो जाते हैं। बता दे कि अश्वगंधा की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी और लाल मिट्टी बेहतर मानी जाती है। जिस मिट्टी का पीएच मान 7.5 से 8 के बीच रहे, उसमें पैदावार अच्छी रहती है। पौधों के अच्छे विकास के लिए 20-35 डिग्री तापमान और 500 से 750 एमएम वर्षा जरूरी है, वहीं अश्वगंधा के पौधे की कटाई जनवरी से लेकर मार्च तक की जाती है।

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