डिजिटल मवेशी पहचान समाधान के लिए द्वारा ई-डेयरी ने इफ्को टोकियो के साथ साझेदारी की | E-Dairy partnered with IFFCO Tokyo for digital cattle identification solution

डिजिटल मवेशी पहचान समाधान के लिए द्वारा ई-डेयरी ने इफ्को टोकियो के साथ साझेदारी की

डिजिटल मवेशी पहचान समाधान के लिए द्वारा ई-डेयरी ने इफ्को टोकियो के साथ साझेदारी की

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 PM IST
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Published Date: June 29, 2021 1:10 pm IST

नयी दिल्ली, 29 जून (भाषा) द्वारा ई-डेयरी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने मंगलवार को पशु बीमा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित डिजिटल मवेशी पहचान समाधान प्रदान करने के लिए इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस के साथ अपनी साझेदारी की घोषणा की।

कंपनी का ‘सुरभि ई-टैग’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से लैस डिजिटल टैग है जो थूथन की पहचान के आधार पर मवेशियों की पहचान करता है।

द्वारा ई-डेयरी सॉल्यूशंस के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी, रवि के ए ने एक बयान में कहा, ‘‘हम इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस के साथ एक प्रायोगिक परियोजना की पेशकश को लेकर उत्साहित हैं।’’

उन्होंने कहा कि मवेशियों की छेड़छाड़ मुक्त, मापने योग्य, अद्वितीय डिजिटल पहचान की कमी एक बड़ी समस्या है जिसके परिणामस्वरूप पशु बीमाकर्ताओं को काफी हानि होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘उन्नत एआई और एमएल (मशीन लर्निंग) प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए, मवेशियों की तस्वीर लेते समय तस्वीर की गुणवत्ता में सुधार की महत्वपूर्ण चुनौती को कम किया जाता है।’’

इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस के कार्यकारी उपाध्यक्ष (अंडरराइटिंग) सुब्रत मंडल ने कहा कि कंपनी एक विश्वसनीय मवेशी पहचान प्रक्रिया की खोज कर रही है जिसे डिजिटल रूप से संग्रहीत किया जा सकता है और इसे कभी भी खोलकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सुरभि ई-टैग जारी करने के लिए द्वारा ई-डायरी के साथ साझेदारी करके खुश हैं जो थूथन छवियों को सटीक रूप से गृहीत करता है।’’

द्वारा ई-डेयरी के अनुसार, पॉलीयूरेथेन इयर टैग्स (पीयू ईयर टैग्स) जैसे पारंपरिक तरीकों से आसानी से छेड़छाड़ की जा सकती है और इसमें दोहराव और धोखाधड़ी होने की संभावना होती है। इसके अलावा, इंजेक्टेबल रेडियो फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग महंगे हैं और इसके लिए विशेष कौशल की आवश्यकता होती है।

उसने कहा कि सुरभि ई-टैग इन विशेषताओं को पकड़ता है और उन्हें सुरक्षित, छेड़छाड़-रहित वातावरण में संग्रहीत करता है और पशु बीमा की पहुंच में काफी सुधार कर सकता है।

भाषा राजेश

राजेश महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)