बांधों से पानी छोड़ने से पहले डीवीसी ने सभी मानदंडों का पालन किया: सरकार |

बांधों से पानी छोड़ने से पहले डीवीसी ने सभी मानदंडों का पालन किया: सरकार

बांधों से पानी छोड़ने से पहले डीवीसी ने सभी मानदंडों का पालन किया: सरकार

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Modified Date: September 19, 2024 / 09:33 PM IST
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Published Date: September 19, 2024 9:33 pm IST

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से पानी छोड़ते समय सभी मानदंडों का पालन किया गया था। इस प्रकार, केन्द्र सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन आरोपों का खंडन किया है कि राज्य में बाढ़ के लिए पानी का छोड़ा जाना जिम्मेदार है।

इससे पहले दिन में, बनर्जी ने कहा कि बंगाल के कुछ हिस्सों में बाढ़ ‘‘केंद्र सरकार के संगठन डीवीसी द्वारा अपने बांधों से छोड़े गए पानी’’ के कारण आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक मानव निर्मित बाढ़ है, और यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’’

आरोपों का जवाब देते हुए, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने बयान में कहा कि बांधों से पानी छोड़ने के निर्धारित समय के बारे में सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था।

पानी का छोड़ा जाना, दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) की सलाह के अनुसार है। इस समिति में पश्चिम बंगाल सरकार, झारखंड सरकार, केंद्रीय जल आयोग (सदस्य सचिव) और डीवीसी के प्रतिनिधि शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र और उसके बाद झारखंड के ऊपर गहरे दबाव के कारण 14-15 सितंबर को पश्चिम बंगाल के निचले दामोदर घाटी क्षेत्र में काफी बारिश हुई, जबकि झारखंड की ऊपरी घाटी में 15-16 सितंबर को भारी बारिश हुई। हालांकि, 17 तारीख से कोई और बारिश नहीं हुई।

दक्षिण बंगाल की नदियां – दामोदर नदी के लिए अमता चैनल और मुंडेश्वरी – उफान पर थीं। सिलाबती, कांगसाबती और द्वारकेश्वर जैसी अन्य नदियां जो दामोदर से जुड़ी हुई हैं, वे भी उफान पर थीं।

झारखंड सरकार द्वारा संचालित तेनुघाट बांध ने 85,000 क्यूसेक की मात्रा में भारी पानी छोड़ा, जिससे समस्या और बढ़ गई।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)