नयी दिल्ली, दो फरवरी (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बजट में समुद्री उत्पाद, रसायन एवं महत्वपूर्ण खनिजों जैसे क्षेत्रों में कुछ कच्चे माल पर सीमा शुल्क घटाने से घरेलू विनिर्माण एवं निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
मंत्रालय ने यह भी कहा कि मॉडल द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) को नया रूप देने की घोषणा से एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) वार्ता के दौरान बेहतर स्थिति पैदा होगी।
फ्रोजेन मछली पेस्ट (सुरीमी) और जलीय चारे के लिए मछली हाइड्रोलाइजेट पर शुल्क घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। इन पर अभी तक लागू शुल्क क्रमश: 30 प्रतिशत और 15 प्रतिशत था।
रसायन क्षेत्र में, पिरिमिडीन और पिपरेजीन यौगिकों पर शुल्क को मौजूदा 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इनका उपयोग खाद्य और पेय पदार्थों को एक निश्चित स्वाद देने के लिए किया जाता है।
इसी तरह कम कैलोरी वाले यौगिक सोर्बिटोल पर शुल्क मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है।
इसके अलावा, प्रमुख खनिजों (लिथियम, कोबाल्ट, सीसा, जस्ता, तांबा) और कोबाल्ट पाउडर के अपशिष्ट और स्क्रैप पर सीमा शुल्क खत्म कर दिया गया है।
मंत्रालय ने कहा कि इन उपायों से आयात निर्भरता कम होगी, उत्पादन लागत कम होगी और प्रमुख उद्योगों में भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
भाषा पाण्डेय प्रेम
प्रेम
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)