वितरण कंपनियों को नुकसान कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत: बिजली मंत्री नाइक |

वितरण कंपनियों को नुकसान कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत: बिजली मंत्री नाइक

वितरण कंपनियों को नुकसान कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकी अपनाने की जरूरत: बिजली मंत्री नाइक

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Modified Date: January 30, 2025 / 10:34 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 10:34 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद येसो नाइक ने बृहस्पतिवार को वितरण कंपनियों के कुल तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान (एटीएंडसी) को लेकर चिंता जताते हुए इसमें सुधार लाने की वकालत की। उन्होंने इसके लिए नेटवर्क में सुधार, नई प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार के जरिये इसे दुरुस्त करने को कहा।

आधिकारिक बयान के अनुसार, नाइक ने देश में वितरण कंपनियों को व्यावहारिक बनाने से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए गठित मंत्री समूह की पहली बैठक की डिजिटल माध्यम से अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

बैठक में उन्होंने वितरण कंपनियों के एटी एंड सी घाटे के बारे में चिंता व्यक्त की जो वैश्विक औसत छह से आठ प्रतिशत से कहीं अधिक है। उन्होंने नेटवर्क में सुधार, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और बिलिंग और संग्रह दक्षता में सुधार करके इसे सुधारने की आवश्यकता बतायी।

नाइक ने कहा कि डिस्कॉम (वितरण कंपनियों) की व्यवहार्यता में सुधार के लिए विशेष रूप से देश में बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक निवेश के संदर्भ में, सभी पक्षों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

उन्होंने गुजरात की वितरण कंपनियों का जिक्र करते हुए वित्तीय प्रदर्शन में सुधार के लिए वहां के डिस्कॉम की तरफ से उठाए गए कदमों को समझने का सुझाव दिया।

केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति की औसत लागत (एसीएस) और प्राप्त औसत राजस्व (एआरआर) के बीच साल-दर-साल अंतर वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता को कमजोर कर रहा है। इसे कम करने की आवश्यकता है।’’

बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि वितरण क्षेत्र को वित्तीय रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए नवीन और लीक से हटकर समाधान तलाशे जाएंगे।

बैठक में मंत्री समूह में शामिल उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और राजस्थान ऊर्जा मंत्री शामिल हुए। इस दौरान केंद्र और राज्य सरकारों और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

मंत्री समूह के लिए नियम एवं शर्तों में प्रमुख राज्यों में ऋण परिदृश्य का विश्लेषण करना, कर्ज के उत्पादक कार्यों में उपयोग को लेकर मापदंडों की पहचान करना, उन राज्यों की पहचान करना जिन्हें नकदी समर्थन की तत्काल आवश्यकता है और उन्हें ऋण जाल से बचने में सक्षम बनाने के लिए एक राजकोषीय अनुशासन कार्यक्रम तैयार करना, मूल्य श्रृंखला में निजी प्रतिभागियों से और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए वितरण क्षेत्र की सेहत में सुधार के उपाय सुझाना आदि शामिल हैं।

मंत्री समूह तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगा।

भाषा रमण अजय

अजय

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)