अगले वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य वास्तविकता के करीब, पर चुनौतीपूर्ण: तुहिन कांत पांडेय |

अगले वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य वास्तविकता के करीब, पर चुनौतीपूर्ण: तुहिन कांत पांडेय

अगले वित्त वर्ष का विनिवेश लक्ष्य वास्तविकता के करीब, पर चुनौतीपूर्ण: तुहिन कांत पांडेय

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Modified Date: February 3, 2023 / 07:05 PM IST
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Published Date: February 3, 2023 7:05 pm IST

नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि बजट में विनिवेश का लक्ष्य मौजूदा घरेलू और वैश्विक हालात में वास्तविकता के करीब है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लक्ष्य रखे गये हैं, उन्हें हासिल करना चुनौतीपूर्ण भी है।

सरकार ने अगले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में विनिवेश से 51,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य तय किया है। साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए विनिवेश लक्ष्य को 65,000 करोड़ रुपये से घटाकर 50,000 करोड़ रुपये का संशोधित लक्ष्य रखा गया है।

चालू वित्त वर्ष में अबतक केंद्रीय लोक उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी बेचकर 31,106 करोड़ रुपये जुटाये गये हैं।

दीपम सचिव ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘विनिवेश को लेकर कई सारी चीजें हैं, जिसपर ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसमें विनिवेश की गुंजाइश, अल्पांश शेयधारकों के हित, बाजार की स्थिति और प्रक्रियाओं से जुड़ी बाधाएं शामिल हैं। अगर अगले वित्त वर्ष के लक्ष्य की बात की जाए, तो मौजूदा घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों में लक्ष्य वास्तविकता के करीब है। हालांकि, यह हासिल करना भी चुनौतीपूर्ण होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वास्तव में जो लक्ष्य है, यह 14 महीने पहले (फरवरी में पेश होने वाले बजट में) तय होता है। बाजार बदलता रहता है, उसको देखते हुए अनुमान एकदम स्थिर नहीं रखा जा सकता। इसमें उतार-चढ़ाव रहेगा। सरकार का लक्ष्य है कि जो आंकड़े दें, वे वास्तविकता के करीब हों।’’

एक सवाल के जवाब में पांडेय ने कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में 50,000 करोड़ रुपये के संशोधित विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले महीने तक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में अपनी शेष हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेच सकती है।

सरकार के पास इस समय हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) में 29.54 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

सरकार ने 2002 में एचजेडएल का 26 प्रतिशत हिस्सा खनन कारोबारी अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाले वेदांता समूह को बेच दिया था। वेदांता समूह ने बाद में नवंबर, 2003 में बाजार से 20 प्रतिशत और सरकार से 18.92 प्रतिशत हिस्सा और खरीदा। इसके बाद एचजेडएल में उसकी हिस्सेदारी बढ़कर 64.92 प्रतिशत हो गई।

पांडेय ने कहा कि संशोधित लक्ष्य में वे सभी लेनदेन शामिल हैं, जिनपर सरकार काम कर रही है, लेकिन वास्तविक प्राप्ति बाजार की स्थितियों पर निर्भर करेगी।

अगले वित्त वर्ष के विनिवेश के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष के लिए हमारी उन कंपनियों पर नजर है, जो रणनीतिक बिक्री के चरण में आगे बढ़ चुकी हैं। इसमें एचएलएल लाइफकेयर, पीडीआईएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, बीईएमएल और एनएमडीसी स्टील शामिल हैं।’’

उन्होंने कहा कि आईडीबीआई बैंक और एनएमडीसी स्टील में रुचि पत्र आ गये हैं। उसमें जांच-परख शुरू होगी और उसके बाद वित्तीय बोली मांगी जाएगी। कॉनकार के लिये अभी रुचि पत्र नहीं आया है और इसके जल्दी जारी होने की हमें उम्मीद है।’’

भाषा रमण पाण्डेय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)