नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) देश में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह बीते वित्त वर्ष 2022-23 में 173 प्रतिशत उछलकर 19.68 करोड़ रुपये से अधिक रहा।
कर वापसी के समायोजन के बाद शुद्ध रूप से प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2013-14 से 2022-23 के दौरान 160 प्रतिशत बढ़कर 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 2021-22 के लिये अद्यतन आंकड़े जारी किये हैं। साथ ही 2022-23 के लिये अस्थायी आंकड़े दिये है।
जीडीपी में बदलाव के संदर्भ में प्रत्यक्ष कर राजस्व में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 में 2.52 प्रतिशत रही। यह पिछले 15 साल में सर्वाधिक है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह जीडीपी के अनुपात में 2013-14 के 5.62 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 में 5.97 प्रतिशत रहा।
सीबीडीटी ने कहा कि कर संग्रह लागत वित्त वर्ष 2013-14 में 0.57 प्रतिशत थी जो घटकर 2021-22 में 0.53 प्रतिशत रही।
भाषा रमण पाण्डेय
पाण्डेय
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