प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये पर |

प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये पर

प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये पर

:   Modified Date:  June 18, 2024 / 09:21 PM IST, Published Date : June 18, 2024/9:21 pm IST

नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आयकर विभाग ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इसमें अग्रिम कर संग्रह में हुई वृद्धि का विशेष योगदान रहा। अग्रिम कर की पहली किस्त 15 जून को देय थी। अग्रिम कर संग्रह 27.34 प्रतिशत बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपये रहा है।

इसमें 1.14 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर (सीआईटी) और 34,470 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बयान में कहा कि 4,62,664 करोड़ रुपये (17 जून, 2024 तक) के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1,80,949 करोड़ रुपये का सीआईटी और 2,81,013 करोड़ रुपये का पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) शामिल हैं।

वित्त वर्ष 2024-25 में 17 जून तक 53,322 करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया गया है। यह पिछले साल इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 34 प्रतिशत अधिक है।

इस साल एक अप्रैल से 17 जून के दौरान प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (रिफंड के लिए समायोजन से पहले) सालाना आधार पर 22.19 प्रतिशत बढ़कर 5.16 लाख करोड़ रुपये रहा।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि अग्रिम कर संग्रह में वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था के आगे बढ़ने की पुष्टि हो रही है।

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों करों में वृद्धि दिख रही है। यह अर्थव्यवस्था के अधिक संगठित बनने तथा बेहतर कर अनुपालन का भी संकेत है।

शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी की भागीदार गौरी पुरी ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था का नतीजा है। तेजी से डिजिटलीकरण के चलते भी संग्रह बढ़ा है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)